नवरात्र चल रहे हैं, इन दिनों मां दुर्गा के रौद्र रूपों का बखान किया जाता है। महिलाओं को भी दुर्गा की ही रूप माना जाता है, दुनिया में शायद ही ऐसा कोई काम हो जिसे महिलाएं न कर सकें। आज की दुर्गा यानि नारी ने मुश्किलों से लड़ते हुए भी कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। जिससे दूसरी औरतों को भी आगे बढ़ने की बहुत प्रेरणा मिलती है। जानें, अलगअलग क्षेत्र में काम करने वाली इन दुर्गाओं के बारे में।
1. शीला दावरे
ड्राइविंग मर्दों का पेशा माना जाता है लेकिन इस सोच को शीला दावरे ने बदल दिया। अपना घर छोड़कर पूणे आई शीला के पास इस समय सिर्फ 12 रुपये ही थे। अपनी जिंदगी अपनी शर्तों पर जीने की जिद्द में उन्होंने आटो रिक्शा चलाना शुरु किया और ऐसा करने वाली वे पहली महिला बन गईं।
2. रौशनी शर्मा
महिलाओं से जुड़े स्टीरियोटाईप्स को तोड़ने के लिए रौशनी ने 16 साल की उम्र में बाइक चलानी शुरू की। 11 राज्यों को लांघते हुए उन्होंने अकेले बाइक का सफर किया था। ऐसा करने वाली वह देश की पहली महिला बनीं।
3. हिमा दास
जिंदगी में कई मुश्किल हालातों से गुजरते हुए हिमा दास ने दौड़ में मेडल जीता। वे भारत की पहली महिला हैं, जिसने IAAF World U20 Championship में गोल्ड मेडल जीता है। कभी उनके पास अपने नाप के जूते पहनने के लिए पैसे नहीं थए लेकिन अब सबसे बड़ी शूज कंपनी उनके नाम से जूते लॉन्च कर रही है।
4. अरुनिमा सिन्हा
राष्ट्रीय स्तर की वॉलीबॉल खिलाड़ी अरुनिमा की 2011 में एक हादसे में टांग घुटने के नीचे से कट गई थी। इतनी बड़ी तकलीफ के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी इसके बाद भी उन्होंने देश की सबसे बड़ी चोटी को फतह किया। वे अब तक 6 चोटियों को तिरंगे से सजा चुकी हैं। जो देश के लिए गर्व की बात है।