हर किसी की बचपन से कुछ यादें जुड़ी होती हैं। वहीं, किसी को अपना बचपन याद कर चेहरे पर मुस्कान आ जाती हैं तो किसी की रूह कांप उठती हैं। आज हम आपको एक एेसी ही महिला के बारे में बताने जा रहे है जिसका बचपन इतना बुरा बिता की वह कभी नहीं चाहेंगी कि कोई एेसा बचपन जीएं। हम बात कर रहे हैं ब्राज़ील में रहने वाली क्रिस्टीना रिक्कर्डसन की।
क्रिस्टीना केवल 15 दिन की थी जब घरवालों के प्रताड़ित करने पर उनकी मां उसे लेकर घर से भाग आई। ब्राजील के शहर डियामेन्टिना के जंगल में बनी गुफाओं में क्रिस्टीना ने अपना बचपन बिताया। पेट भरने के लिए मां-बेटी दिनभर सूखी पत्तियां और फूल इकट्ठा करती। एक रात जैगुआर द्वारा हमला करने पर उन्हें जंगल से भी भागना पड़ा। वह जंगल छोड़ मां-बेटी साओ पाउलो नामक शहर पहुंचे। वहां पर क्रिस्टीना सड़कों पर भीख मांगती। उनपर लोग थूकते और कॉकरोच बुलाते।
एक दिन दोपहर में क्रिस्टीना को कूड़ेदान में ब्रेड का एक टुकड़ा दिखा। पास में खड़े एक लड़के की निगाह भी ब्रेड पर पड़ी। दोनों ब्रेड उठाने के लिए आगे-बढ़े। दोनों के बीच में हाथापाई हुईं, जिसमें क्रिस्टीना ने लड़के के पेट में कांच का टुकड़ा मार दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
बाद में क्रिस्टीना को अनाथालय भेज दिया गया, जहां बाद में स्वीडन के एक परिवार ने उन्हें गोद ले लिया। 24 साल बाद अपनी बिछड़ी हुई मां की तलाश में वह ब्राजील वापस आईं। उन्होंने अपने जैसे बच्चों की मदद के लिए एक NGO भी शुरू किया। अब वह बेघर और बेसहारा बच्चों की मदद करने के लिए काम कर रही है।
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