पेरेंट्स अपने बच्चे का फ्यूचर अच्छा बनाने के लिए उनकी परवरिश में कोई कमी नहीं छोड़ते। हर पेरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्चा सबसे अच्छा हो, उसका नाम हर जगह हो लेकिन ऐसा तभी होगा जब आप उन्हें यह सब करने के गुण देंगे। बच्चों की परवरिश के दौरान कुछ बातों को ध्यान में रखकर आप उनका फ्यूचर और भी बेहतर बना सकते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे पेरेंटिग टिप्स देने जाने जा रहे हैं, जिससे आप बच्चो को हर काम में परफेक्ट बना सकते हैं।
बच्चो को परफेक्ट बनाने के टिप्स
1. बच्चे ज्यादातर बातें और आदतें अपने माता-पिता से ही सीखते हैं। ऐसे में उन्हें अच्छे संस्कार देने से पहले अपनी बुरी आदतों को सुधारों। पहले आप खुद किताबों के साथ कुछ समय गुजारना, देर रात तक टीवी न देखना, चीजों को सही जगह पर रखना, बच्चों के समाने कभी भी झगड़ा न करना आदि जैसे कुछ अच्छी आदतों में सुधार करें।
2. बहुत से पेरेंट्स को लगता है कि बच्चों को प्यार देने का मतलब उनकी हर मांग को पूरा करना है। फिर चाहे वह कोई गलत चीज ही क्यों न मांगे लेकिन ऐसा नहीं है। अगर आप अपने बच्चों से प्यार करते हैं और उनकी अच्छी परवरिश करना चाहते हैं तो उन्हें वही दें जो उनके लिए सही और जरूरी हो।
3. बच्चों की तो आदत होती है हर चीज को लेकर जिद्द करना लेकिन उनकी गलत मांग को पूरा न करने के लिए आप उन्हें डांट देते हैं, जोकि गलत है। इसका बच्चो पर उल्टा असर पड़ता है। इसलिए बच्चों पर जोर से चिल्लाने और डांटने की बजाए उन्हें प्यार से समझाए।
4. अक्सर पेरेंट्स अपने बच्चो को अनुशासन में लाने के लिए उन्हें डांटते या डराते हैं लेकिन इससे कई बार वह गलत दिशा में चले जाते हैं। कई पेरेंट्स तो बच्चों को अनुशासित करने के लिए उन्हें मारते-पीटते भी हैं लेकिन इससे बच्चा अनुशासित न होकर आक्रमक और विद्रोही हो जाता है।
5. बच्चों के साथ किसी भी टॉपिक को लेकर खुलकर बात करें और उनके साथ हर खुशी-दुख सांझा करें। इससे बच्चे घर की परिस्थितियों को समझेंगे और यह बात फ्यूचर में उनके काम आएगी। इसके साथ ही बच्चा हमेशा आपके करीब रहेगा।
6. वर्किंग होने के कारण आजकल ज्यादातर माता-पिता अपने बच्चों को समय नहीं दे पाते, जिससे वह बच्चो से दूर हो जाते हैं। इससे कई बार बच्चे गलत राह पर चले जाते हैं और गलत काम करने लगते हैं। इसलिए अपने बच्चों को ज्यादा से ज्यादा समय देने की कोशिश करें।
7. बच्चों से कोई भी काम करवाने के लिए उनपर हुकुम न चलाएं और न ही अपने फैसले उनपर थोपे। इसकी बजाए अपने बच्चे से दोस्ती करें और उन्हें अपने फैसले खुद लेने दें। इससे बच्चा खुद अपने मन की बात आपसे शेयर करने लगेगा और वह बेझिझक अपनी सारी बात आपको आकर बताएगा।
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