बच्चे का मन बिल्कुल साफ होता है। यही कारण है कि मां-बाप बचपन से ही उन्हें अच्छी बातें, अनुशासन सीखाना शुरू कर देते हैं। इन चीजों का असर बच्चे पर बड़े होकर भी देखा जाता है अक्सर देखा जाता है कि बचपन की कुछ बातों का असर बड़े होकर भी रहता है। हाल ही में बच्चों पर हुई एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि छोटे बच्चे अच्छे और बुरे का फर्क समझते हैं, पहले वे अपने लिए अच्छा ही चुनते हैं लेकिन बाद में बड़ों से बुरा व्यवहार सीखते हैं।
1 साल के बच्चों पर हुआ शोध
इस बात को जानने के लिए येल यूनिवर्सिटी द्वारा रिसर्च किया गया, जिसमें 1 साल के बच्चों को शामिल किया गया। इन बच्चों को अलग-अलग तरह के पुतले दिखाए गए। जिसमें लाल रंग का पुतला पहाड़ पर चढ़ने की कोशिश करता है। दूसरा नीला का पुतला उसे धकेलने की कोशिश करता है और पीले रंग का पुतला बचाने का कोशिश करता है। बच्चे को बाद में ये तीनों पुतले खेलने के लिए दिए गए और सभी बच्चों ने पीले पुतले को चुना।
रंगों ने नहीं किया अटरेक्ट
इस बात को सुनिश्चित करने के लिए प्रक्रिया को बच्चों पर दोबारा दोहराया गया कि कहीं बच्चे पर रंगों का प्रभाव तो नहीं पड़ा। इस बार खेल में कुछ बदलाव किया गया और तीनों पुतलों का काम बदला गया। हैरान करने वाला यह तथ्य सामने आया कि हर बार बच्चे ने मदद करने वाले पुतले को ही चुना। इसके अलावा क्योटो यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए एक रिसर्च में भी बच्चों की नैतिकता जांचने के लिए वीडियों का सहारा लिया गया। बच्चों ने हमेशा वहीं करेक्टर को बेस्ट माना जो मदद करता हो।