19 APRFRIDAY2024 4:06:07 PM
Nari

कॉलेज में प्रिंसिपल ने रखी थी ये 3 शर्तें,1 आज तक निभा रही हैं इंफोसिस की चेयरमैन सुधा

  • Edited By khushboo aggarwal,
  • Updated: 29 Nov, 2019 06:37 PM
कॉलेज में प्रिंसिपल ने रखी थी ये 3 शर्तें,1 आज तक निभा रही हैं इंफोसिस की चेयरमैन सुधा

कौन बनेगा करोड़पति 11 के सीजन में हर शुक्रवार कर्मवीर एपिसोड आता है। जिसमें बिग बी समाज के उन लोगों का परिचय देते है जो कि समाज के लिए एक मसाल है। शो के अंतिम कर्मवीर एपिसोड में समाज के मूल सुविधाओं से वंचित वर्ग के लिए काम करने वाले एनजीओ इंफोसिस की हेड पद्मश्री सुधा मूर्ती पहुंच रही है। अमिताभ बच्चन ने उनका सम्मान करते हुए पैर छुए।

 

PunjabKesari,nari

कर चुकीं है 60 हजार पुस्तकालयों की स्थापना 

प्रोमो के दौरान सुधा का परिचय देते हुए अमिताभ ने बताया  सुधा समाज में मूल सुविधाओं से वंचित अंडर प्रिविलेज लोगों के कल्याण, उनकी आत्मनिर्भरता के लिए काम करती है। साधारण जीवन व्यतीत करने वाली सुधा एक शिक्षक भी है और जानी-मानी लेखिका भी है। इनफोसिस फाउंडेशन के जरिए 60 हजार पुस्तकालयों की स्थापना की हैं।

हुबली की पहली महिला इंजीनियर 

सुधा हुबली( कर्नाटक) की पहली महिला इंजीनियर है। 1968 में जब वह इंजीनियरिंग कर रही थी उस समय उनकी क्लास में 599 लड़के थे और वह अकेली लड़की थी। उनके पिता प्रोफेसर और मां स्कूल टीचर थी। शुरु से उनकी रुचि विज्ञान में थी जिस कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने पर उनकी दादी उनके खिलाफ थी क्योंकि उनका मानना था कि इससे उन्हें अपनी कम्युनिटी का अच्छा लड़का नहीं मिलेगा। वहीं उनके पिता चाहते थे कि कंसल्टिंग डॉक्टर और मां चाहती थी कि वह गणितज्ञ बने लेकिन उन्होंने इंजीनियर बनने का मन बना लिया था।

2 किलोमीटर पैदल चल कर जाती थी

सुधा के लिए इंजीनियरिंग करने का सफर आसान नहीं था। उन्होंने खुद को हर माहौल में एडजस्ट करना सिखाया। वह रोज 2 किलोमीटर पैदल चल कर 7 बजे कॉलेज पहुंचती और फिर वापिस आती। 

 

PunjabKesari,nari

प्रिंसिपल ने रखी ने 3 शर्ते

वहीं कॉलेज ज्वाइंन करने पर प्रिंसिपल ने उनके सामने 3 शर्ते रखी थी। पहला साड़ी पहनना, दूसरे कैंटीन न जाना और तीसरा लड़कों से बात न करना। प्रिसंपिल की पहली शर्त तो वह अभी तक मान रही है। दूसरी शर्त उन्होंने पूरी की क्योंकि कैंटीन का खाना टेस्टी नहीं था इसलिए वह कभी कैंटीन गई नहीं। वहीं एक साल पूरा होने के बाद जब लड़कों को पता लगा उनका पहला रैंक आया तो सभी लड़कों ने खुद ही उन्हें बुलाना शुरु कर दिया था जबकि उन्होंने इसकी पहल नहीं की थी।

बनवाए टॉयलेट

अपनी इस जिदंगी में सुधा ने एक बात अच्छे से समझ ली थी और वह थी हाइजीनिक टॉयलेट। एक महिला होने के नाते वह समझ चुकी थी कि टॉयलेट के बिना बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसिलए इनफोसिस फाउंडेशन की चेयरमेन बनने के बाद उन्होंने अलग-अलग प्रदेशों में 16 हजार टॉयलेट का निर्माण करवाया।

 

PunjabKesari,nari


गिफ्ट में मिलती है किताबें

सुधा को हमेशा ही किताबों से काफी प्यार रहा है और यही बाद में उनकी निजी जिदंगी में बदल गया। इंडियन आईटी इंडस्ट्रियलिस्ट एनआर नारायण मूर्ती से शादी करने के 42 साल बाद भी उन्हें गिफ्ट में बुक्स ही मिलती है। सुधा ने प्रोमो में बताया कि उनकी सफल शादीशुदा जिदंगी का राज यह है कि वह एक-दूसरे को अच्छे से समझते है। वहीं उन्होंने अपनी बेटी की बातों से प्रेरित होकर इंफोसिस की नींव रखी थी। 

 

लाइफस्टाइल से जुड़ी लेटेस्ट खबरों के लिए डाउनलोड करें NARI APP

Related News