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कोरोना को लेकर ब्रिटेन के वैज्ञानिकों का दावा, कहा सितंबर तक आ जाएगी वैक्सीन

  • Edited By shipra rana,
  • Updated: 18 Apr, 2020 05:55 PM
कोरोना को लेकर ब्रिटेन के वैज्ञानिकों का दावा, कहा सितंबर तक आ जाएगी वैक्सीन

कोरोना वायरस को पूरी दुनिया में महामारी घोषित कर दिया गया है। इस वायरस ने अभी तक लगभग 22 लाख लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है। इसके साथ ही मौत के आंकड़ों की बात करें तो यह 1.5 लाख से अधिक हो चुका है। बहुत से देशों के शोधकर्ताओं द्वारा इस वायरस से बचने के लिए इलाज ढूंढ़े जा रहे हैं। इलाज को खोजने की लिस्ट में अब ब्रिटेन का नाम भी शामिल हो गया है। ब्रिटेन के वैज्ञानिकों द्वारा कोरोना से बचने के लिए शोध किए जा रहे हैं।

ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैक्सीनोलॉजी डिपार्टमेंट के एक प्रोफेसर जिनका नाम सारा गिल्बर्ट है। उन्होंने बीते कल यानी शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत कर इस वायरस की वैक्सीन बनाने का दावा किया है। उनके दावे अनुसार यह वैक्सीन इस ही साल सितंबर के महीने तक आ जाएगी। साथ ही वह कहते हैं कि, "हम इस वायरस जो कि महामारी का रूप ले चुकी है। उसपर मिलकर काम कर रहे थे। इस बीमारी को एक्स का नाम दिया गया था। इसपर योजनाबद्ध तरीके से काम करने की जरूरत थी।"

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उन्होंने बताया कि ChAdOx1 तकनीक द्वारा इस वैक्सीन के 12 परीक्षण हो गए है। इसके साथ इसकी 1 डोज से ही इम्यून को लेकर अच्छे रिजल्ट मिले हैं, हालांकि आरएनए और डीएनए तकनीक द्वारा 2 या इससे ज्यादा डोज लेनी पड़ती है। इसके अलावा प्रोफेसर ने इसका क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो जाने के बारे में बताया सफलता मिलने की आशंका जताते हुए कहा कि इस वैक्सीन की 1 मिलियन डोज इसी साल सितंबर तक बनकर मिलनी शुरू हो जाएगी।

यहां आपको बता दें, ऑक्सफोर्ड की यह टीम इस वैक्सीन के सही होने पर इतने आत्मविश्वास से भरी हुई है कि उन्होंने क्लीनिकल ट्रायल से पहले ही मैन्युफैक्चरिंग का काम शुरू कर दिया है। इस बात को लेकर प्रोफेसर एड्रियन हिल का कहना है कि टीम इतनी उत्साहित हैं कि वे सितंबर तक यानी क्लीनिकल ट्रायल पूरा होने का भी इंतजार नहीं करना चाहती। साथ ही प्रोफेसर ने बताया कि उन्होंने रिस्क लेकर बड़े पैमाने पर वैक्सीन की मैन्युफैक्चरिंग शुरू की है। पूरी दुनिया के अलग-अलग जगहों पर कुल 7 मैन्युफैक्चरर्स के साथ मैन्युफैक्चरिंग हो रही है।

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उन्होंने मैन्युफैक्चरर्स के बारे में बताया कि कुल 7 मैन्युफैक्चरर्स में 3 ब्रिटेन, 2 यूरोप, 1 चीन और 1 भारत से संबंध रखता है। साथ ही प्रोफेसर ने आशा जताई है कि इसी साल के सितंबर महीने या साल के अंत तक इस वैक्सीन की 1 मिलियन डोज तैयार हो जाएगी। उन्होंने इस वैक्सीन की ट्रायल के बारे में बताया कि यह ट्रायर 3 स्टेप्स में होगा। पहले यह ट्रायर तकरीबन 510 वॉलंटियर्स के साथ शुरू किया जाएगा। तीसरे चरण तक पहुंचते हुए इससे 5000 वॉलंटियर्स के जुड़ने की उम्मीद की जा सकती है।


मिला 2.2 मिलियन पाउंड का अनुदान

कोरोना की वैक्सीन को ढूंढने में लगे शोधकर्ताओं यानी प्रोफेसर गिलबर्ट की पूरी टीम को 2.2 मिलियन पाउंड का डोनेशन मिला है। यह अनुदान उन्हेें ब्रिटेन के नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर हेल्थ रिसर्च और द यूके रिसर्च एंड इनोवेशन की तरफ से दिया गया है। बात अगर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री यानी बोरिस जॉनसन की करें तो वह भी कोरोना के शिकार हो गए थे। इसके साथ ब्रिटेन के 14,000 से अधिक लोग इस वायरस की चपेट में आकर मर गए हैं।

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