महिलाओं के साथ आए दिन बुरे व्यवहार की कोई न कोई घटना सामने आ ही जाती है। जब शारीरिक उत्पीड़न की बात आए तो कभी भी निःशक्त महिलाओं के उत्पीड़न की कोई मुद्दा नही उठाया जाता। जबकि उन्हें शारीरिक शोषण का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसी महिलओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 'साइटसेवर्स' नाम का एक संगठन मध्य प्रदेश में काम कर रहा है। इन महिलाओं को जूड़ों की ट्रेनिंग देकर आत्मरक्षा के तरीके सीखाए जाते हैं। इसी संस्था में ट्रेनिंग लेनी वाली जबलपुर की एक लड़की जानकी गाउद(Janki Goud) नेशनल चैंपियन बन गई।
जानकी गाउद जबलपुर के पिपरिया के कुर्रे गांव की रहने वाली हैं। पांच साल की उम्र में उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी। इसके बाद उन्हें कई तरह की परेशानियां आनी शुरू हो गई। इस बारे में जानकी का कहना है कि गांव में दृष्टि हीन होने की वजह से उन्हें कोई दिक्कत नहीं होती थी लेकिन दूसरे गांव में जाते पर उन पर बहुत पाबंदियां थी क्योंकि मां-बाप को उनकी सुरक्षा को लेकर बहुत चिंता रहती थी।
इसी कारण साल 2010 में जानकी ने साइटसेवर्स संगठन के साथ मिल कर ट्रेनिंग लेनी शुरू की। इसके बाद उन्होंने नेशनस चैपिंयनशिर में भाग लिया और फिर 2016-17 में जानकी ने दृष्टिहीन और बधिरों के लिए होने वाली चौथी और पांचवी जूडो नेशनल चैंपियनशिप में सिल्वर और गोल्ड मेडल हासिल किया। साइटसेवर्स संगठन ऐसी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम कर रहा है। इसी तरह ट्रेनिंग लेकर कुछ महिलाए राष्ट्रिय प्रतियोगिताएं में हिस्सा लेने की तैयारी करती और मेडल जीतकर लाती हैं।
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