आज के समय में लड़कियों का अपने पैरों पर खड़ा होना बहुत जरूरी है। वहीं, ऐसे भी कई मामले सुनने को मिलते हैं कि मासूम लड़कियां मानव तस्करी का हिस्सा बन गई। इस जुर्म में शामिल लोग लड़कियों जरिए खूब पैसे कमाते हैं लेकिन मासूम बेटियों की जिंदगी इससे खराब होने का उन्हें जरा भी भय नहीं है। इसी बात से चिंतित साल 2016 में बेटी जिंदाबाद कार्यक्रम के तरह ‘बेटी ज़िंदाबाद बेकरी’ खोली गई। इस बेकरी को खोलने का मकसद तस्करी का शिकार हो चुकी लड़कियों को आर्थिक तौर पर मजबूती देना था ताकि आजीविका के लिए वे खुद पर आत्मनिर्भर हो सके।
छत्तीसगढ़ के जशपुर प्रशासन और क्षेत्रवासियों ने मिलकर इस मानव तस्करी का शिकार महिलाओं के लिए असाधारण उदाहरण पेश किया है। इस बदलाव का श्रेय जिले की कलेक्टर प्रियंका शुक्ला को जाता है। वह इस जिले की पहली महिला कलेक्टर हैं। जिसने प्रशासन की मुहिम प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत 5 लाख रुपए 1 लाख रुपए का ऋण उपलब्ध कराए ताकि बेकरी का निर्माण किया जा सके। बेटी जिंदाबाद कार्यक्रम की शुरुआत जशपुर के कांसाबेल में 10 अक्टूबर, 2016 में की गई। इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों के यह संदेश देना था कि रोजगार के लिए अपनी जमीन छोड़कन जाने की जरूरत नहीं है। इस बेटी जिंदाबाद बेकरी से हर महीने लड़कियां 45 हजार रुपय की कमाई कर रही हैं।
राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित जिंदाबाद बेकरी टीम
इस बेकरी में 20 लड़कियां काम कर रही हैं। इससे होने वाली आजीविका से वह खुद को आत्मनिर्भर बना रही हैं। इस काम से दूसरी लड़कियों को मुश्किलों से लड़ते हुए भी आगे बढ़ने की प्रेरणा मिल रही है। भारत के राष्ट्रपति द्वारा इस बेटी जिंदाबाद बेकरी को सम्मानित भी किया गया था।
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