आपने हमेशा किताबों में पढ़ा व सुना होगा कि दुनिया में सात अजूबे है। मगर भारत में कुछ ऐसे प्राकृतिक अजूबे भी हैं जिनकी गिनती का अंदाजा लगाना मुश्किल है। चलिए आज हम आपको ऐसे ही अजूबों के बारे में बताने जा रहे है जिनको देखे बिना आपको ट्रिप अधूरा है।
कहीं फ्लोटिंग झील तो कहीं पेड़ के जड़ों की डबल डेकर रुट, ये सभी प्राकृतिक अजूबे वाकई में आपको काफी पसंद आएंगे जिनको देखने की इच्छा आप बार-बार करेंगे।
लिविंग रुट ब्रिज
चेरापूंजी में मौजूद रूट ब्रिज को डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज भी कहा जाता है। यह ब्रिज फिक्स इलास्टिक पेड़ से बने होते है जो एक नजर में सभी को आकर्षित कर लेते हैं। अगर आप सोच रहे है कि इनपर चढ़ना जान को जोखिम में डालना है तो आप गलत है क्योंकि ये ब्रिज देखने को जितने खूबसूरत व रिस्की लगते है, उतने ही मजबूत है।
मार्बल रॉक्स
मध्य प्रदेश के जबलपुर में नर्मदा नदी के किनारे मार्बल रॉक्स मौजूद है जो लगभग 3 किलोमीटर तक के दायरे में फैले है। इन मार्बल के पहाड़ों को देखने के लिए हर साल टूरिस्टों की भीड़ लगी रहती हैं। दिन के वक्त यहां आना काफी अच्छा है क्योंकि यहां घूमने का असली मजा दिन के चानने में ही आता है।
फ्लोटिंग झील
नॉर्थ ईस्ट के मणिपुर लोकताक झील यानी फ्लोटिंग झील स्थित है जो अपनी सतह पर तैरते हुए वनस्पति और मिट्टी से बने द्वीपों के लिए फेमस है। इन द्वीपों को कुंदी का नाम भी दिया गया है। झील पर सबसे बड़ा तैरता द्वीप केयबुल लामजाओ है जो 40वर्ग किलोमीटर में फैला है। आपकी जानकारी के लिए पता दें कि लोकताक झील मणिपुर के लिए सांस्कृतिक महत्व रखती है।
मजूली आईलैंड
यह विश्व का सबसे बड़ा रिवर आईलैंड है जोकि असम की ब्रह्मापुत्र नदीं किनारे स्थित है। मजूली को असम की सांस्कृतिक राजधानी भी कहा जा सकता है जहां वनस्पति और जीव-जंतुओं की कई विलुप्तप्रायः प्रजाति भी पाई जाती है।
लोनार लेक
लोनार लेक एक बड़े कटोरे के आकार की झील है लोनार लेक एक ऐसा गड्ढा है जो अंतरिक्ष से गिरे उल्कापिंड से बना था। यह झील एक मात्र जगह है जो भारत में स्थित है।
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