शादी के बाद महिलाओं के पैरों में बिछिया पहनाई जाती है। इसे विवाहित महिला की निशान और सोलह श्रंगार का अभिन्न रूप माना जाता है। कुछ महिलाएं इसे रस्म के तौर पर तो कुछ फैशन के लिए बिछिया पहनती हैं। मगर क्या आप जानती हैं कि गर्भावस्था में बिछिया पहनने से मां और बच्चे दोनों को बहुत फायदा पहुंचता है। आज हम आपको गर्भवस्था के दौरान महिला के पैरों में बिछिया पहनने से होने वाले फायदों के बारे में बताएंगे।
1. शांति प्रदान करने में
गर्भावस्था में बिछिया में पहनना मां और बच्चे दोनों के लिए ही फायदेमंद होता है। पैरों में बिछिया पहनने से तनाव से राहत मिलने के साथ ही मन को शांति भी मिलती है। इसके साथ ही जिन महिलाओं को गर्भावस्था में ब्लड प्रैशर की समस्या रहती है उनको अपने पैर की उंगलियों में बिछिया जरूर पहनना चाहिए।
2. शिशु के लिए भी है फायदेमंद
इस अवस्था में पैरों में बिछियां पहनना ना सिर्फ मां बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए जरूर है। बिछिया गर्भ में पल रहे बच्चे को भी ऊर्जा प्रदान करती हैं।
3. बढ़ाते हैं पॉजिविटी
चांदी पहने से शरीर को ठंडक पहुचने के साथ ही पॉजिटिव एनर्जी भी मिलती है। जब बिछिया को पहनकर जमीन पर चला जाता है तो दिमाग भी शांत रहता है। इसके साथ ही शरीर का अंदरूनी हिस्सा गर्भाशय से जुड़ा होता है। इसलिए बिछिया पहनने से ऊर्जा मिलती है। शरीर को ऊर्जावान बनाने के लिए बिछिया जरूर पहनें।
4. मासिक धर्म नियमित
ज्यादातर महिलाएं को मासिक धर्म की अनियमितता की समस्या से जुझना पड़ता है। इस परेशानी से राहत पाने के लिए पैरों की उंगलियों में बिछया जरूर पहनें। बिछया पहनने के कुछ दिन बाद ही आपको फर्क दिखाई देने लगेगा।
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