बच्चों को शुरू से ही यह आदत डाली जाती है कि पैरों में चप्पल डाल कर रखें। हम लोग अक्सर उन्हें इस बात के लिए डांटते रहते हैं कि पैर नंगे न रखें, गंदे हो जाएंगे। आप भी इस बात के लिए परेशान रहते हैं कि बच्चा पैरों में कुछ नहीं डालता तो चिंता की कोई बात नहीं। हाल ही में हुई एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि नंगे पैर रहने वाले बच्चों में कूदने और संतुलन बनाने की क्षमता जूते पहनने वालों से ज्यादा होती है।
नंगे पैर रहने से बनता है अच्छा बैलेंस
शोधकर्ताओं के मुताबिक नंगे पैर चलने से बचपन और किशोरावस्था में बुनियादी संतुलन का विकास बहुत अच्छी तरह होता है। शोध में उन बच्चों ने कूदने और बैलेंस बनाने में बेहतर प्रदर्शन किया जो जिन्हें ज्यादातर नंगे पैर रहने की आदत थी।
रहता है प्राकृति का अहसास
जर्मनी के जेना यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एस्ट्रिड जेच का कहना है कि नंगे पैर रहना नेचर के करीब रहने का अहसास कराता है। पैरों में जूते या चप्पल पहन कर चलने से स्वास्थ्य की प्रगति प्रभावित होने लगती है।
'फ्रंटियर्स इन पीडियाट्रिक्स' जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक इस स्टडी में करीब 810 लोगों को शामिल किया गया। जिसमें नंगे पैर चलने वाले लोगों ने ऊंची कूद में जूते पहनकर चलने वालों से बेहतर प्रदर्शन किया है।
नंगे पैर चलने के लाभ
1. नंगे पैर चलने से बॉडी का पॉश्चर बेहतर रहता है।
2. इससे रीढ़ की हड्डी और कमर संबंधी परेशानियां दूर रहती हैं।
3. पैरों में होने वाला दर्द में भी नंगे पैर चलने से आराम मिलता है
4. इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर रहता है और पैरों का निचला हिस्सा मजबूत होता है।
5. नंगे पैर चलने से दिमाग शांत और तनाव भी कम होता है।
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