युरिक एसिड शरीर में पाया जाने वाला एक ऐसा रसायनिक अम्ल है, जो C₅H₄N₄O₃ यानि कार्बन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन और ऑक्सीजन से मिलकर बनता है। यूरिक एसिड शरीर में प्यूरीन न्यूक्लियोटाइड्स नामक तत्व के टूटने का एक उत्पाद है जो शरीर में यूरीन की भांति होता है। इसका काम बॉडी में नमक और आयरन की मात्रा को बैलेंस करके रखना है।
मगर कई बार गलत खान-पान या फिर उम्र बढ़ने के साथ युरिक एसिड की मात्रा शरीर में तेजी से बढ़ने लगती है। जिस वजह से शरीर में गाउट नाम का रोग पैदा होता है, जो काफी दर्दनाक होता है। यही वजह है कि कई लोगों को बड़े हुए यूरीक एसिड की वजह से शरीर में दर्द महसूस होती रहती है। ऐसे में समय रहते अपने यूरिक एसिड को कंट्रोल में रखना बेहद जरुरी है।
योग के जरिए आप बॉडी के बढ़े हुए युरिक एसिड को आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं। आज हम यहां बात करेंगे भुजंगासन की...भुजंगासन करने से न केवल युरिक एसिड कंट्रोल होता है बल्कि इसे करने से आपक और कई शारीरिक लाभ मिलते हैं। तो चलिए करना सीखते हैं भुजंगासन...
भुजंगासन करने का तरीका...
सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं और धीरे से खुद को बाहों पर जोर डालकर ऊपर उठाएं। जितनी देर हो सके इस पोज में रहें। शरुआत में 5 से 6 सेकेंड से ज्यादा इस आसन को न करें। बीच-बीच में सांस लेने के लिए आप नीचे झुक भी सकते हैं। बीच-बीच में आराम देकर इस आसन को 4 से 5 बार करें।
इस आसन को रोजाना करने से आपका युरिक एसिड कभी नहीं बढ़ेगा। कोशिश करें ऐसा सुबह शाम दो बार करें। युरिक एसिड कंट्रोल करने के साथ-साथ भुजंगासन करने से शरीर को और भी कई लाभ मिलते हैं। आइए जानते हैं कैसे...
-पीठ दर्द में राहत व लचीलापन
-लो बेली फैट
-बेहतरीन ब्लड सर्कुलेशन
-फेफड़ों, कंधों, और पेट में खिंचाव
-तनाव और थकान से रखे दूर
-साइटिका से राहत
-अस्थमा में फायदेमंद
-वजन घटाने में मददगार
तो ये थे भुजंगासन करने के कुल 8 फायदे। आप भी इस आसान से आसन के जरिए शरीर की तमाम परेशानियों से राहत पा सकते हैं।
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