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गर्मियों में बढ़ जाती हैं अस्थमा की प्रॉबल्म, 6 आयुर्वेदिक टिप्स करेंगे बचाव

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 10 Apr, 2019 12:51 PM
गर्मियों में बढ़ जाती हैं अस्थमा की प्रॉबल्म, 6 आयुर्वेदिक टिप्स करेंगे बचाव

बदलते लाइफस्टाइल और लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के कारण अस्थमा रोगियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। यह श्वसन तंत्र से जुड़ा ऐसा रोग है, जिसमें मरीज को सांस लेने में काफी तकलीफ होती है। गर्मियों में तो यह समस्या और भी बढ़ जाती है इसलिए इस मौसम में मरीज को अपना खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। जरा-सी भी लापरवाही अस्थमा अटैक का कारण बन सकती है। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स देंगे, जिससे आप गर्मियों में भी अपना ध्यान रख सकते हैं।

 

क्या है अस्थमा?

अस्थमा या दमा एक गंभीर बीमारी है जो श्वांस नलिकाओं को प्रभावित करती है। अस्थमा होने पर श्वांस नलिकाओं की भीतरी दीवार पर सूजन आ जाती है। इस स्थिति में सांस लेने में दिक्कत होती है और फेफड़ों में हवा की मात्रा कम हो जाती है।

43% बढ़ी अस्थमा दवाओं की बिक्री

बात अगर आकड़ों की करें तो पिछले 4 सालों में अस्थमा की दवाइयों की बिक्री 43% बढ़ी है। भारत में 15 से 20 करोड़ लोग अस्थमा से पीड़ित हैं, जिसमें 12% संख्या तो बच्चों की है। बदलते लाइफस्‍टाइल के चलते ये बीमारी बच्‍चों में भी फैल रही है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यह बीमारी सबसे ज्यादा 4 से 11 साल तक के बच्चों को हो रही है।

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अस्थमा के कारण

अस्‍थमा होने के कई कारण हैं जैसे कि, मिलावटी खानपान, धूम्रपान, घर के पालतू जानवर, अधिक मात्रा में शराब पीना, महिलाओं में हार्मोनल बदलाव, ज्यादा नमक खाना, तनाव, मोटापा आदि। हालांकि इस रोग का सबसे मुख्‍य कारण वायु प्रदूषण है।

गर्मियों में क्यों बढ़ जाती है समस्या?

बदलते मौसम में इंफेक्शन होने के कारण अस्थमा की समस्या बढ़ सकती है। साथ ही इस मौसम में चलने वाली सर्द-गर्म हवाएं भी अस्थमा रोगियों के लिए परेशानी खड़ी करती हैं। वहीं गर्मियों में धूल-मिट्टी ज्यादा उड़ती है, जिससे अस्थमा रोगी को एलर्जी हो जाती है। इसके अलावा चिलचिलाती गर्मी में आप अक्सर बाहर से आने के बाद तुरंत कुछ ठंडा खा लेते हैं, जिससे खांसी, कफ व गले का इंफेक्शन हो जाता है। मगर सामान्य लोगों की अपेक्षा अस्थमा पेशंट को ये इंफेक्शन होने पर सांस लेने में ज्यादा दिक्कत होती है।

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अस्थमा के लक्षण

सांस लेने में तकलीफ
सीने में जकड़न
बेचैनी महसूस होना
लगाातार खांसी आना
नाक बजना
छाती कड़ी होना
सिर भारी लगना

अस्थमा से बचाव

-अगर आप अस्थमा के मरीज है तो धूल मिट्टी से दूर रहें। साथ ही साफ-सफाई करने से बचें।
-पालतू जानवरों के बहुत करीब ना जाएं और उन्हें हर हफ्ते नहलाएं।
-डॉक्टर से संपर्क करें और उनके सलाह से ही इनहेलर का इस्तेमाल करें।
-अस्थमा होने पर धूम्रपान और सिगरेट पीने वाले लोगों से भी दूरी बनाएं।
-समय-समय पर अपनी जांच करवाएं।
-अस्‍थमा रोगियों के लिए हेल्दी डाइट और व्‍यायाम बेहद जरूरी है।
-घर से बाहर निकलते समय मास्क जरूर पहनें।

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अस्थमा के घरेलू नुस्खे

अंजीर

4 सूखे अंजीर को रातभर पानी मे भिगोकर सुबह खाली पेट खाएं। इससे श्वास नली में जमा बलगम धीरे-धीरे बाहर निकल जाएगी, जिससे दमा में आराम मिलेगा।

सहजन की पत्तियां

सहजन की पत्तियां अस्थमा रोगियों के लिए रामबाण इलाज है। सहजन की पत्तियों को 1 कप पानी में उबालकर छान लें। फिर इसमें चुटकीभर नमक, 1/4 टीस्पून नींबू का रस और काली मिर्च पाउडर मिलाकर पीएं। इससे कुछ ही दिनों में फर्क दिखने लगेगा।

लहसुन का दूध

लहसुन अस्थमा के इलाज के लिए रामबाण उपाय है। इसके लिए दूध में 2-3 लहसुन उबालकर रात को सोने से पहले पीएं। इससे अस्थमा में आराम मिलेगा।

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अजवायन का पानी

अजवायन का गर्म पानी पीने या इसकी भाप लेना भी अस्थमा रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद होता है।

लौंग का पानी

उबले हुए लौंग के गर्म पानी में शहद मिलाकर काढ़ा बनाकर पीएं। इससे अस्थमा की समस्या में आराम मिलता है।

पीपल के पत्ते

पीपल के पत्तों को सूखा कर जला लें। इसके बाद इसें छान इसमें शहद मिलाएं। दिन में 3 बार इसे चाटने से अस्थमा की समस्या कुछ समय में ही दूर हो जाएगी।

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