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Nari

सदा रहें जवां और खूबसूरत

  • Updated: 07 Apr, 2015 03:11 PM
सदा रहें जवां और खूबसूरत

पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं ने हर क्षेत्र में बहुत तरक्की की है और उनकी प्रोफैशनल पोजीशन में भी काफी परिवर्तन आया है परंतु इसके साथ उनका तनाव घटने की जगह बढ़ गया है। घर और प्रोफैशनल लाइफ के कारण अपने काम दोगुने हो जाने की वजह से वे पुरुषों के मुकाबले डिप्रैशन का शिकार ज्यादा हो रही हैं। ऐसा नहीं है कि शादीशुदा महिलाओं में ही यह समस्या है बल्कि सिंगल महिलाओं को भी डिप्रैशन गोल्डन एज में ओल्ड बना रहा है।

हर जगह खुद को परफैक्ट साबित करने के चक्कर में दूसरों ने ही नहीं बल्कि महिलाओं ने खुद से भी काफी उम्मीदें लगा ली हैं। इनके पूरे न हो पाने का नतीजा होता है डिप्रैशन क्योंकि इन दिनों प्रत्येक महिला मल्टी टास्कर बन कर हर जिम्मेदारी को बेहतर तरीके से निभाना चाहती है। जाहिर है ऐसे में उसके पास अपने लिए वक्त बिल्कुल नहीं बचता। इसके अलावा महिलाएं अक्सर हार्मोनल इम्बैलेंस का शिकार होती हैं जिस वजह से उन्हें मूड सविंग की प्रॉब्लम भी रहती है।

इन दिनों मैरिड की अपेक्षा सिंगल रहने वाली महिलाओं की संख्या कहीं ज्यादा है। कभी प्रोफैशन तो कभी हालात के चलते अधिकांश युवतियां शादीशुदा जिंदगी का रुख नहीं कर पातीं, ऐसे में स्मोक और ड्रिंक करने वाली इस मॉडर्न जैनरेशन की महिलाओं की जिंदगी में रिश्तों से जुड़ी परेशानियां काफी  देखने को मिलती हैं। कुछ साल पहले तक महिलाओं में बेचैनी, ईटिंग डिसऑर्डर और इनसोम्रि जैसी समस्याएं ज्यादा हुआ करती थीं। हालांकि आज  महिलाएं डिप्रैशन और स्ट्रैस को लेकर पहले से ज्यादा जागरूक हुई हैं। 

एक वक्त में उन पर तमाम तरह के दबाव रहते हैं। इनमें अपने काम की वजह से दूसरों से बेहतर दिखने का दबाव मुख्य वजह है जिसमें महिलाएं आसानी से डिप्रैशन का शिकार हो जाती हैं। इसके अलावा लुक एवं फिगर यदि अच्छी नहीं है तो भी उनमें हीन भावना के चलते डिप्रैशन के चांस ज्यादा रहते हैं।

रखें ध्यान

* इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि आज की जीवनशैली में समस्याएं तो रहेंगी ही किंतु तनाव से बचने के लिए महिलाओं को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। 

* सबसे पहले तो लाइफ में अपना उद्देश्य निर्धारित करें, परंतु स्वयं पर उम्मीदों का बोझ न लादें और भावनात्मक संकट आने पर प्रोफैशनल्स की मदद लें।

* यदि आप भी ऐसी ही स्थिति से गुजर रही हों तो सबसे पहले डिप्रैशन के कारणों की तलाश करें ताकि गोल्डन एज में आप पर बुढ़ापा हावी न हो तथा आप स्वयं को चिरयुवा बनाए रख सकें।

-हेमा शर्मा, चंडीगढ़

 

 

 

 

  

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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