पढ़ने-लिखने की कोई उम्र नहीं होती, बस इसके लिए मन में इच्छा होनी जरूरी है। केरल की रहने वाली 96 साल की दादी कार्तियानी अम्मा एेसी ही एक अनोखी मिसाल कायम कर रही है। इस उम्र में वह चौथी कक्षा के पेपर दे रही है। वे केरल प्रदेश साक्षरता मिशन द्वारा आयोजित साक्षरता परीक्षा में बैठे 40440 लोगों में शामिल थी। साक्षरता मिशन सूत्रों ने कहा कि कार्तियानी अम्मा चेप्पाड राजकीय एलपी स्कूल में परीक्षा में बैठी।
उन्होने राज्य साक्षरता मिशन के एक कार्यक्रम में नामांकन कराया था। उनकी पढने और लिखने में बहुत रुचि थी। केरल सरकार ‘केरल स्टेट लिट्रसी मिशन’ नाम से एक योजना चलाती है। इस योजना के तहत जो लोग पढ़ नहीं पाते उन्हें पढ़ाया जाता है। जिसमें कार्तियानी अम्मा ने भी चौथी कक्षा में पेपर दिए।
केरल राज्य का साक्षरता दर बहुत अच्छा है। इसका मतलब यह है कि यहां का हर इंसान पढ़ना-लिखना चाहता है। लोगों की इसी इच्छा को लेकर सरकार इस योजना को चला रही है ताकि केरल में 100 फीसदी साक्षरता मिशन पूरा हो सके।
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