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71 साल में शेफर्ड बनीं बॉडी बिल्डिंग चैंपियन, यहां पहुंचने के पीछे है interesting स्टोरी

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 19 Jun, 2019 04:44 PM
71 साल में शेफर्ड बनीं बॉडी बिल्डिंग चैंपियन, यहां पहुंचने के पीछे है interesting स्टोरी

जिदंगी में अगर कोई मुकाम हासिल करना हो या फिर अपने व खुद से किए किसी वादे को पूरा करना हो तो उसके आगे उम्र सिर्फ एक नंबर बन कर रह  जाती है। व्यक्ति में काम करने का हौंसला  व साहस होना चाहिए। इसी साहस व हिम्मत को दिखाते हुए 82 वर्षीय 'अर्नेस्टाइन शेफर्ड' ,युवाओं को न केवल मात दे रही है बल्कि उनका हौंसला भी बन रही हैं। 71 साल की उम्र में उन्होंने अपनी बॉडी को मजबूत व सुडौल बना कर बॉडी बिल्डर की चैंपियनशिप जीती।  

हादसे में टूट गया था घुटना 

अर्नेस्टाइन जब 11 साल की थी तब एक हादसे में उनका घुटना टूट गया था, ऑपरेशन के बाद वह पूरी तरह से जूड़ न सका। जिसके कारण उनका एक पैर दूसरे से छोटा रह गया। डॉक्टर्स ने उन्हें एक्सरसाइज न करने की सलाह दी। ताकि वह अपना जीवन अच्छे से व्यतीत कर सकें। लेकिन उन्होंने किसी की न सुनी।  

बेडौल शरीर को देख कर शुरु की एक्सरसाइज 

50 साल की उम्र तक शेफर्ड सिर्फ घर के कामकाज तक ही सीमित थी, इसके अतिरिक्त वह ओर कुछ नहीं करती थी। एक दिन वह अपने पति व बहन के साथ पिकनिक पर गई, वहां पर पति के कहने पर दोनों बहनों ने स्विम सूट पहन लिया। जब उन्होंने एक दूसरे को देखा तो हंसने लगी, क्योंकि उनके शरीर बेडौल हो चुके थे। उस दिन चर्च में जा कर दोनो बहनों ने कभी भी एक्सरसाइज न छोड़ने की खसम खाई। शुरु शुरु में उन्हें एक्सरसाइज करने में काफी दिक्कत हो रही थी। 

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बहन ने दिलाई कसम याद 

1992 में शेफर्ड की बहन वेलवेट की मौत होने के बाद वह काफी निराश हो गई थी। फिर एक दिन रात को उनकी बहन उनके सपने में आई, उन्होंने कसम याद दिलाई कि चर्च में उन्होंने रोज एक्सरसाइज करने की कसम खाई थी। अब यह कसम न छोड़े। तब उन्होंने अपनी बहन को कहा कि अब वह इस कसम को पूरी तरह से पूरी करेंगी। 

उम्र सिर्फ एक नंबर रह गई हैं 

71 साल में उम्र में वह ट्रेनर के पास गई औऱ अभ्यास करना शुरु किया। वह हर रोज सुबह ढाई बजे उठ कर 16 किलोमीटर की दौड़ लगाती हैं। उसके बाद जिम जाती हैं। लगातार मेहनत करने के 7 महीने बाद वह पहले बॉडी बिल्डिंग कम्पीटिशन में गई। उन्होंने कहा कि जब वह कंपीटिशन जीत गई तब उन्होंने इस झूठ को सच कर दिखाया कि उम्र बढ़ने से शरीर कमजोर होने लगता है। उम्र सिर्फ एक नंबर होती है। इसके बाद उन्होंने उम्रदराज महिलाओं को प्रशिक्षण देना शुरु किया। 

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