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बच्चों के लिए कैसे चुनें सही टूथपेस्ट?

  • Edited By Sunita Rajput,
  • Updated: 22 Dec, 2018 02:19 PM
बच्चों के लिए कैसे चुनें सही टूथपेस्ट?

मीठा और चॉकलेट खाने की वजह से बच्चों के दांतों में कीड़ा लगना आम समस्या है। बच्चे के दांत खराब ना हो इसके लिए पेरेंट्स उन्हें टूथपेस्ट करवाते हैं। अक्सर पेरेंट्स उन्हें वहीं टूथपेस्ट करवाते हैं, जो वह खुद करते हैं लेकिन बच्चों के लिए यह खतरनाक भी हो सकता है। बच्चें इससे कई तरह की बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। ऐसे में पेरेंट्स को बच्चों के लिए टूथपेस्ट खरीदतें समय और उन्हें ब्रश करवाते समय कई बातों का ध्यान रखना चाहिए।

बच्चे के लिए कैसे चुनें सही टूथपेस्ट?

छोटे बच्चों के लिए फ्लोराइड फ्री टूथपेस्ट

छोटे बच्चे अक्सर ब्रशिंग के दौरान टूथपेस्ट निगल जाते है ऐसे में उनके लिए फ्लोराइड फ्री टूथपेस्ट इस्तेमाल करें क्योंकि तत्व बच्चों को नुकसान पहुंचा सकता है। अगर बच्चा ऐसा टूथपेस्ट यूज नहीं कर रहा है तो उसे ब्रशिंग के दौरान टूथपेस्ट थूकना सिखाएं। इस बात को लेकर बच्चे की खास निगरानी करें।   

6-8 साल के बच्चों के लिए सही टूस्पेस्ट 

जब आपका बच्चा टूथपेस्ट को थूकना सीख जाए तो फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट इस्तेमाल करें। टूथपेस्ट में मौजूद फ्लोराइड दांतों के इनेमल को मजबूत बनाता है। 

ज्यादा फ्लोराइड की मात्रा भी पहुंचाती है नुकसान

मार्कीट में टूथपेस्ट की कई किस्में उपलब्ध हैं जिनमें फ्लोराइड की मात्रा भी विभिन्न लिखी होती है। हमेशा कम मात्रा वाला फ्लोराइड टूथपेस्ट इस्तेमाल करें क्योंकि इसकी ज्यादा मात्रा दांतों को नुकसान भी पहुंचा सकती है। 

टूथपेस्ट का स्वाद भी रखें ध्यान 

आपने कई बार देखा होगा कि बच्चा ब्रश करने से इंकार कर देता है। इसके पीछे कारण टूथपेस्ट का स्वाद भी हो सकता है। बच्चे को टूथपेस्ट का टेस्ट पसंद नहीं आता है। इसलिए बच्चे के लिए ऐसा टूथपेस्ट खरीदे जो रिफ्रेशिंग तो हो लेकिन उसका फ्लेवर फ्रूट्स जैसा हो। 

कैसे करें बच्चों के दांतों की देखभाल?

सही आहार खिलाएं

खानपान का असर भी बच्‍चों के दांतों पर पड़ता है इसलिए बच्चों को शुगरयुक्त चीजें व ऐसी चीजें खाने को न दें जो उसके दांतों से चिपक जाए। इसके अलावा अगर बच्चा मीठा खा भी लेता है तो उसे खाने के आधे घंटे बाद ब्रश जरूर करवाएं। 

दूध पिलाते वक्त ध्यान दें 

जब बच्चे के दांत निकलने शुरू हो जाएं तब उसे दूध पिलाते समय ध्यान रखें कि सोते समय बच्चों को बोतल से दूध पीने के लिए न दें। जब बच्चा दूध पी ले तो बोतल को हटा दें क्योंकि इससे बच्चों के दांतों में सड़न आ सकती है।   

सॉफ्ट ब्रश का इस्तेमाल 

बच्चों के लिए मुलायम टूथब्रश का इस्तेमाल करें क्योंकि हार्ड टूथब्रश की मदद से उनके मसूड़े छिल या उनमें इंफैक्शन का खतरा हो सकता हैं। ध्यान रखें कि बच्‍चे दिन में दो बार सुबह और शाम ब्रश करने की आदत डालें। 

बच्चे में डालें कुल्ला करने की आदत 

जब बच्चे के थोड़े-बहुत दांत निकल जाए तो उसे कुछ भी खिलाने-पिलाने के बाद पानी से कुल्ला करवाएं। दरअसल, खाने से मसूड़ों में चिपचिपी परत यानी प्लेक जम जाता है जो दांतों की सड़न का कारण बनते है। कूल्ला करने से दांतों में फंसा खाना निकल जाएगा और वह मजबूत भी बने रहेंगे।  

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