हर साल दुनिया भर में न जाने कितने लोग आत्महत्या करके अपनी जान गवां बैठते हैं। इस गिनती में सिर्फ पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी उतनी ही शामिल हैं। इस गंभीर विषय पर हाल ही में आई ग्लोबल सर्वे की खबर निराश करने वाली है, सर्वे के मुताबिक 2016 में दुनिया भर में जितनी भी महिलाओं ने सुसाइड की उन 10 में से हर 4 महिला भारतीय है।
1990 और 2016 के बीच बढ़ा दोगुना आंकडा
लैंसट पब्लिक हेल्थ जरनल में प्रकाशित खबर के अनुसार 1990 में दुनियाभर की महिलाओं की आत्महत्या में भारत की 25.3 महिला शामिल थी। साल 2016 आते-आते यह आंकड़ा बढ़कर 36.6 प्रतिशत तक जा पहुंचा। जिसमें पुरुषों का आंकड़ा 24.3 फीसदी रहा। 1990 के मुकाबले 2016 तक यह आंकड़ा दोगुने से भी ज्यादा बढ़ गया है।
युवा महिलाएं सुसाइड का ज्यादा शिकार
रिपोर्ट में हैरान करने वाली बात यह है कि जो भारत की जो 71 प्रतिशत महिलाएं आत्महत्या करती हैं, उनकी उम्र 15 से 29 और 15 से 39 साल के बीच है। यही कारण है कि आत्महत्या का आकड़ा सबसे आगे बना हुआ है। साल 2016 मेें 1,45,567 युवाओं में आत्महत्या से अपनी जान गंवाई थी वहीं, 85,733 लोग हार्टअटैक से मरे थे और ट्यूबरक्यूलोसिस से मरने वालों की संख्या 79,845 थी।
कौन और किन राज्यों की महिलाएं करती हैं ज्यादा आत्महत्या ?
रिपोर्ट के मुताबिक, राज्यों की बात करें तो तमिलनाडु (25.3), कर्नाटक (23.5) और वेस्ट बंगाल (20.6) और तेलंगना (18.8) पर है। इस राज्यों के बाद जम्मू कश्मीर, मेघालय,मिजोरम, नागालैंड,दिल्ली, पंजाब, झारखंड है। सबसे कम सुसाइड वाले राज्य की बात करें तो बिहार का नाम इस लिस्ट में शामिल है।
क्या है सुसाइड की वजह?
सुसाइड करने वाली महिलाओं में ज्यादातर गिनती शादीशुदा औरतों की है, जिसके पीछे का कारण कम उम्र में शादी, अरेंज मैरिज, घरेलू हिंसा का शिकार, आर्थिक परेशानी, कम उम्र में मां बनने आदि जैसे मामले शामिल हैं।
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