महिलाओं व छोटी लड़कियों के साथ हो रही घटनाएं अक्सर भारत के विभिन्न कोनों में सुनने को मिलती है। यह केस और भी बढ़ जाते है जब प्रशासन इनमें सख्ती न बरत कर ढील रखते है। ऐसी ही घटना हरियाणा जिले के मेवात के पुन्हाना इलाके की है। यहां की एक नाबालिग लड़की के न केवल दो बार गैंगरेप किया गया , वहीं उसकी रिपोर्ट भी पांच दिन बाद लिखी गई। जिस कारण रिपोर्ट होने के बाद पांच दिन देरी से उसकी जांच हुई।
यह है पूरा मामला
15 साल की रानी ( बदला हुआ नाम) 30 जुलाई को अपने घर से लापता हो गई थी। उसके पिता के अनुसार 31 जुलाई को वह उन्हें मिली, उसके बाद 1 अगस्त को उन्होंने महिला थाने में उनकी शिकायत की, लेकिन उन्होंने रिपोर्ट नही लिखी। रानी ने बताया कि 30 जुलाई को कुछ लोग उसे बाइक पर बिठा पर जंगल में ले गए, यहां पर उस व्यक्ति को दो दोस्त पहले से ही मौजूद थे। उसके बाद उन्होंने उसके साथ रैप किया कर धमकी दी कि वह किसी को कुछ नही बताएगी। उनके नाम व उनके बारे में वह किसी को कोई जानकारी नही देगी, नहीं तो उसे वह जान से मार देगें। उसके बाद वह सड़क के किनारे पर मदद मांगती हुई आई। यहां पर एक कार में दो लोगों ने उसे घर छोड़ने की बात बोल कर कार बैठने को कहा। वह लोग कार को एक प्राइवेट ऑफिस में ले गए वहां पर उन्होंने उसके साथ दोबारा रैप कर उसे सड़क पर फेंक दिया। वहां से वह किसी तरह घर पहुंची व पूरी बात परिवार वालों को बताई।
उसके बाद 1 अगस्त को उनके पिता उन्हें थाने लेकर गए, वहां पर पुलिसवालों ने एफआईआर दर्ज करने से मना कर दी। उसके बाद 6 अगस्त को उनका केस दर्ज किया गया। इस पर पुलिस वालो का कहना है कि फाइल इधर उधर होने के कारण समय पर केस दर्ज नही हो पाया था। रानी का मेडिकल करवा कर पॉक्सो के आधार पर केस दर्ज किया गया। जिसमें शमीम, आलम, अजरु व दो अन्य लोगों पर केस दर्ज किया गया है।
देरी हुआ केस दर्ज
रैप जैसे मामलों में महिला का मेडिकल 24 घंटे के अंदर करवाना जरुरी होती है लेकिन पुलिस की लापरवाही के कारण केस देरी से फाइल हुआ। वहीं पॉक्सो जैसे कानून बनने के बाद भी इस तरह के मामले रुक नही रहे है, न ही इस तरह की समस्याओं पर पुलिस अपना रवैया बदल रही है।
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