लोहड़ी के एक दिन बाद 14 जनवरी को हिंदुओं का प्रमुख त्योहार मकर संक्रांति मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इसी दिन से नए साल की शुरूआत मानी जाती है। मगर, पिछले साल से यह पर्व 15 जनवरी को पड़ रहा है इसलिए कुछ लोगों इस बात को लेकर कंफ्यूज है कि मकर संक्रांति किस दिन मनाना शुभ रहेगा।
दरअसल, 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाने की वजह सूर्य का राशि गोचर है, जो जनवरी के 14 या 15 वें दिन होता है। इसी दिन से सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश करता है और खरमास की समाप्ति भी हो जाती है, जिससे एक महीने से रूके हुए मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाते हैं। ज्यादातर इसकी तारीख 14 ही पड़ती है लेकिन सूर्य के राशि परिवर्तन के समय में अंतर आने की वजह से मकर संक्रांति 15 जनवरी को भी है।
14 या 15 कब मनाएं मकर संक्रांति...
इस बार सूर्य का राशि परिवर्तन 14 की आधी रात यानी 15 को होने जा रहा है, जिस लिहाज से मकर संक्रांति के पुण्य काम 15 जनवरी को करना ही फलदायी रहेगा।
मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त
15 जनवरी संक्रांति काल- 07:19 बजे (15 जनवरी) पुण्यकाल-07:19 से 12:31 बजे तकमहापुण्य काल- 07:19 से 09: 03 बजे तकसंक्रांति स्नान- प्रात: काल, 15 जनवरी 2020
मकर संक्रांति का महत्व
माना जाता है कि इस दिन सूर्य अपने पुत्र शनिदेव से नाराजगी भूलाकर उनके घर गए थे। वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र नदी में स्नान, दान, पूजा आदि करने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं।
मकर संक्रांति पर जरूर करें ये 5 काम
-इस दिन सुबह सूर्य उदय से पहले उठकर स्नान करें और अपने इष्ट की पूजा अर्चना करें।
-तांबे के लोटे में जल, 1 चुटकी तिल व अक्षत डालकर सूर्य देव को अर्पित करें।
-मकर संक्रांति के दिन गरीबों व जरूरतमंदों को दान जरूर दें। इस दिन खिचड़ी व तिल का दान देना भी फलदायी माना गया है।
-उत्तर प्रदेश में लोग इसे 'खिचड़ी पर्व' भी कहते हैं क्योंकि इस दिन खिचड़ी खाने का रिवाज है।
-मकर संक्रांति पर लोग पतंगबाजी भी करते हैं इसलिए यह पर्व 'पतंग महोत्सव' के नाम से भी जाना जाता है।
-तिल से बने लड्डू भी जरुर खाए, ये आपकी सेहत को ढेरों फायदे प्रदान करते हैं।
भूलकर भी ना करें ये 5 काम
-सुबह देर तक ना सोएं।
-बिना पूजा-पाठ किए कुछ भी ना खाएं
-यह प्रकृति से जुड़ा त्योहार है इसलिए पेड़-पौधों की कटाई-छटाई ना करें।
-इस दिन बाल नहीं धोने और कटवाने भी नहीं चाहिए।
-मांसाहार, शराब, सिगरेट का सेवन भी ना करें।
-इस शुभ पर्व पर घर में शांति का माहौल बनाकर रखें और लड़ाई-झगड़ा ना करें।