स्मृति जुबिन ईरानी एक ऐसा नाम है, जिन्होंने टेलीविजन से लेकर राजनीति तक के सफर में अपनी एक अलग पहचान कायम की। वह वर्तमान में मोदी सरकार की टेक्सटाइल मंत्री हैं। मॉडलिंग से अपना करियर शुरू करने वाली स्मृति ने कभी सोचा भी नहीं था कि वो देश की राजनीति में इतना घुलमिल जाएगी। हालांकि बहुत कम लोग जानते हैं कि अभिनय से राजनीति तक पहुंचने का स्मृति का सफर काफी मुश्किलों भरा रहा है। चलिए आपको बताते हैं टीवी की चकाचौंध से राजनीति में कदम रखने वाली स्मृति ईरानी का सफर कैसा रहा।
मॉडलिंग के लिए छोड़ा घर
स्मृति जुबिन ईरानी मॉडल बनना चाहती थीं और अपनी इसी चाहत को पूरा करने के लिए उन्होंने अपनी पढ़ाई दिल्ली में पूरी कर के 20-22 साल की उम्र में ही मुंबई आ गई थी। मगर उनका परिवार रूढ़ीवादी था और इसलिए उन्हें मॉडलिंग के लिए सहमती नही दे रहा था। अपनी इस चाहत को पूरा करने के लिए उन्होंने घर छोड़ दिया और मुंबई आ पहुंची। उन्होंने 1998 में मिस इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा लिया लेकिन वे फाइनल तक जगह नहीं बना पाईं।
वेट्रेस व क्लीनर रह चुकीं हैं स्मृति
मुंबई आने के बाद स्मृति को पैसों की काफी तंगी झेलनी पड़ी और इसी के कारण उनके मॉडलिंग का खर्च भी पूरा नहीं हो पाता था। लिहाजा इसके लिए वो एक नामी रेस्टोरेंट में वेट्रेस और क्लीनर का काम करने लग गई, जिससे उनका खर्चा पूरा हो सके। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह एक फेमस रेस्टोरेंट में एक वेटर के तौर पर काम किया था।
टीवी सीरियल 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' से मिली पहचान
साल 2000 में स्मृति ने सीरियल 'आतिश' और 'हम हैं कल आज और कल' से छोटे पर्दे पर एंट्री ली। दोनों ही सीरियल स्टार प्लस पर प्रसारित होते थे। हालांकि, उन्हें पहचान एकता कपूर के शो 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' से मिली, जिससे वह घर-घर में एक जाना-पहचाना चेहरा बन गईं। अपनी दमदार एक्टिंग और काबिलियत के दम पर उन्होंने टेलीविजन अकादमी अवॉर्ड, 4 इंडियन टेली अवार्ड और 8 स्टार परिवार पुरस्कार भी जीते।
मुश्किल भरा रहा एक्टिंग करियर
राजनीति में अपनी धाक जमाने वाली स्मृति का एक्टिंग सफर काफी मुश्किलों भरा रहा, जिसका खुलासा वह एक इंटरव्यू में खुद कर चुकीं है। उन्होंने बताया कि डिलीवरी के 2 दिन बाद भी उन्हें शूटिंग करनी पड़ी थी। दरअसल, डिलीवरी के 2 दिन बाद जब वे अस्पताल में थीं तब प्रोडक्शन कंपनी से कॉल आई, जिसके बा उन्हें शूटिंग के लिए जाना पड़ा।
2003 में चांदनी चौक से लड़ा पहला चुनाव
2003 में स्मृति ईरानी ने भारतीय जनता पार्टी की मेंबरशीप ली, जिसके बाद दिल्ली के चांदनी चौक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा। 2011 में गुजरात से राज्यसभा सांसद चुनी गई। वहीं पार्टी ने अनुभव और तजुर्बा को देखते हुए हिमाचल प्रदेश में महिला मोर्चे की भी कमान सौंप दी।
स्मृति का राजनीतिक सफर
स्मृति 2004 में महाराष्ट्र यूथ विंग की वाइस प्रेसिडेंट और उसके बाद 2011 में राज्यसभा की सदस्य बनीं। 2012 में उन्हें भाजपा का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। हालांकि सितंबर 2011 से मई 2014 तक वह 'कोल व स्टील समिति' की मेंबर भी रहीं। अगस्त 2012 में उन्हें आपदा प्रबंधन के संसदीय मंच का सदस्य नियुक्त किया गया और उसके बाद मिनिस्ट्री ऑफ अर्बन डेवलपमेंट की कंसल्टेटिव कमेटी का मेंबर बनाया गया। 26मई, 2014 में वह मानव संसाधन मंत्री बनीं, जिसके बाद उन्हें टेक्सटाइल मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया। 2017 में वह सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में कार्यरत रही और फिलहाल वह केंद्रीय मंत्री के रूप में काम कर रही हैं।
राजनीति के साथ एनजीओ का काम
बता दें कि स्मृति केंद्रीय मंत्री का काम तो संभालती ही हैं लेकिन इसके साथ-साथ वह एक NGO भी चलाती हैं। उनके इस एनजीओ का मकसद सुदूर इलाकों में साफ पानी मुहैया कराना है।