25 APRTHURSDAY2024 11:49:32 AM
Life Style

महिलाओं की इंस्पिरेशन बन चुकी साइना की जीत में छिपा है उनका कड़ा संघर्ष

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 03 Sep, 2018 04:41 PM
महिलाओं की इंस्पिरेशन बन चुकी साइना की जीत में छिपा है उनका कड़ा संघर्ष

खेल जगत में नाम कमाने वाली साइना नेहवाल को भला कौन नहीं जानता। भारत की इस होनहार बैडमिंटन खिलाड़ी ने एक ऐसा मुकाम हासिल कर लिया है कि वह आज लाखों लड़कियों के लिए इंस्परेशन बन गई है। उन्होंने अपने शानदार खेल से ना केवल भारत का नाम ऊंचा किया बल्कि लोगों को यह भी बताया कि मेहनत और दृढ़ निश्चय रखने वाली महिलाओं को आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता।
 

साइना नेहवाल की कामयाबी का संघर्ष
हरियाणा के हिसार की रहने वाली साइना एक मध्यम वर्ग परिवार से ताल्लुक रखती हैं। भले ही सायना आज अपने मुकाम पर पहुंच गई हो लेकिन उनकी जिंदगी का यह सफर आसान नहीं था। दरअसल, साइना के जन्म के बाद उनकी दादी ने उन्हें देखने से भी मना कर दिया था। उन्होंने करीब 4 महीने तक उनका चेहरा नहीं देखा था। दादी की इसी नजरअंदाजी को साइना ने अपना हौसला बनाया और आज वह इस मुकाम पर खड़ी हैं। साइना ने महिला होते हुए भी खेल की दुनिया में सफलता के कई पैमानों को पार कर दिया।

PunjabKesari

ट्रेनिंग के लिए सुबह 4 बजे उठती थी साइना
साइना के पापा-मम्मी हरियाणा के मशहूर बैडमिंटन खिलाड़ी थे और हिसार में रहते थे। साइना की शुरुआती पढ़ाई भी हिसार में ही हुई। बाद में उनके पापा का तबादला हैदराबाद में हो गया और फिर उनका परिवार वहां चला गया। उनके घर से तकरीबन 25 किमी की दूर बशीरबाग के लाल बहादुर स्टेडियम में उनकी ट्रैनिंग करवाई जाती थी। वह अपने पापा के साथ सुबह 4 बजे ट्रैनिंग के लिए जाती था। ट्रैनिंग के बाद उन्हें सीधा स्कूल जाना पड़ता था। इतना सब करने के बाद घर लौटते हुए वह बिल्कुल थक जाती लेकिन उन्होंने कभी जाहिर नहीं किया।

PunjabKesari
 
कड़ी ट्रेनिंग और पैरों में दर्द
कड़ी ट्रैनिंग के बाद साइना के पैर की मांसपेशियों में हमेशा दर्द रहता था और इसके कारण वह रात को उठकर रोने भी लगती थी। उनका रोना सुनकर साइना की मां बादाम तेल से उनकी मालिश करती थी। इतना दर्द होने के बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपना खेल जारी रखा और आज वह इसी कड़ी मेहनत के दम पर इतने ऊंचे मुकाम पर पहुंच गई हैं।

PunjabKesari

साइना नेहवाल की उपलब्धियां
साइना नेहवाल बैडमिंडन में ओलंपिक मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। इससे पहले उन्होंने देश के लिए राष्ट्रमंडल खेलों में कई स्वर्ण पदक भी जीते हैं। इसके अलावा साइना नेहवाल पहली ऐसी महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने 1 महीने के अंदर ही तीन बार शीर्ष वरीयता को प्राप्त किया है। आपको बता दें कि साइना पद्मश्री और राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुकी हैं। साइना अब तक 20 से ज्‍यादा इंटरनैशनल खिताब अपने नाम कर चुकी हैं। इतना ही नहीं, वह बैडमिंटन खिलाड़ी होने से पहले कराटे चैंपियन थी और वह काराटे में ब्राउन बैल्‍ट हैं।

PunjabKesari

फैशन, ब्यूटी या हैल्थ महिलाओं से जुड़ी हर जानकारी के लिए इंस्टाल करें NARI APP

Related News