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Queen Elizabeth का ताज है बेहद बेशकीमती, जानिए इसकी खासियत

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 21 Apr, 2020 08:03 PM
Queen Elizabeth का ताज है बेहद बेशकीमती, जानिए इसकी खासियत

ब्रिटेन की रॉयल फैमिली की मुखिया यानी क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय आज 94 साल की हो गई है। उनका जन्म 1926 को हुआ। ब्रिटेन की रानी ने कई सालों तक शासन किया ऐसे में सिहांसन पर बैठी रानी की पहचान उसके मुकुट से होती है। रानी एलिजाबेथ का क्राउन भी हर बार चर्चा में रहा है। बेहद खूबसूरत दिखने वाला उनका ये शाही मुकुट देखने में जितना सुंदर है उतना ही ये मंहगा भी है।  रानी ऐलीजाबेथ के मुकुट में कई हीरें लगे है इसमें 2,900 कीमती रत्न,17 नीलम, 11 पन्ने और कुल 269 मोती जड़े है। 1953 से ब्रिटिश राजगद्दी पर महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की ताजपोशी हुई जिसके बाद से ही यह अनिश्चितकीमती क्राउन उनकी पहचान बन गई है। 
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आइए एलिजाबेथ के जन्मदिन पर उनके मुकुट के बारे में कुछ जानते है:

1. क्राउन को 14 वीं शताब्दी तक वेमिंटस्टर एबे में रखा गया था इस क्राउन को कई बार चोरी करने की कोशिशों की गई जिसके बाद 1303 में इसे टॉवर ऑफ लंदन में ले जाया गया

2. ये मुकुट ब्रिटिश संसद के उद्घाटन के समय महारानी  पहनती है।

3.मौजूदा राजमुकुट किंग जॉर्ज के राज्याभिषेक के लिए 1937 में बना था। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश के शाही परिवार ने इस राजमुकुट के अनमोल चित्रों को बिस्कुट के डिब्बे में छुपाकर मध्ययुगीन विंडसर कासल के गुप्त दरवाजों के नीचे जमीन में दबाकर रखा था

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4. राजमुकुट के एमके क्रॉस (ठीक बीच में पिच) में सबसे बड़ा 105 कैरेट (लगभग 21 ग्राम) का हीरा कोहिनूर भी जड़ा हुआ है। इसे 1851 में भारत से ले जाया गया था।

5.लगभग 800 साल पहले 105 कैरेट का यह हीरा भारत के खदान से निकला गया था और अंग्रेजी राज के दौरान तत्कालीन महारानी विक्टोरिया को दिया गया था।

6. दो पाउंड 13 औंस के इस राजमुकुट में बहुत पुराने और बेशकीमती रत्न जड़े हैं। जिनमें स्कॉटलैंडलैंड के सेंट एडवर्ड कन्फेसर और अलेक्जेंडर द्वितीय की नीलमणि से लेकर एडवर्ड द ब्लैक प्रिंस की रूबी, एलिजाबेथ प्रथम के मोती और कुलीनन द्वितीय के हीरे भी शामिल हैं।

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7. राजमुकुट में चांदी के घुड़सवार में हीरे जड़े हैं, सोने के घुड़सवार में जड़े रंगीन रत्नों में नीलमणि, पन्ना और मोती शामिल हैं।

ये तो थी उनके मुकुट की खासियत अब वही अगर बात करें उनके राजपाठ की तो 1936 में उनके पिता के गद्दी संभालने के बाद यह साफ ही था कि एलिजाबेथ ही उनकी वारिस होंगी । 21 अप्रैल 1926 को लंदन में पैदा हुई एलिजाबेथ की पूरी पढ़ाई घर पर ही हुई है।

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