कोरोना वायरस के चलते जहां पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है, जिसके चलते देशभर में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है। लॉकडाउन की वजह से भले ही कोरोना का कहर में कमी आई हो लेकिन इसके कारण महिलाओं के साथ प्रताड़ना की शिकायतों में तेजी से इजाफा हो गया है।
जी हां, लॉकडाउन घोषित हुए 10 दिन भी नहीं गुजरे हैं लेकिन महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा के मामले काफी तेजी से बढ़ गए हैं। यह बात सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) के मुताबिक आंकड़े कुछ ये ही बयां कर रहे हैं। दुनियाभर में घरेलू हिंसा के लिए बनी हॉटलाइनों पर शिकायतों की बाढ़ आ गई है। ब्रिटेन-स्पेन में तो 20 फीसदी तो फ्रांस में 30 फीसदी तक बढ़ गई हैं।
दोगुनी हो गईं शिकायतें
NCW अध्यक्ष ने बताया कि मार्च महीने के पहले हफ्ते (2-8 मार्च) में आयोग के पास देशभर से कुल 116 शिकायतें आईं थी। वहीं Lockdown पीरियड के दौरान 10 दिनों के भीतर ही (23-31 मार्च तक) यह आंकड़ा 257 तक पहुंच गया है और हर दिन के साथ यह बढ़ रही हैं। रोजाना एक दो शिकायतें मिल रही हैं।
लॉकडाउन के दौरान मिलीं ऐसी शिकायतें
NCW के आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान घरेलू हिंसा के 69, सम्मान ना मिलने की 77, 2 दहेज के लिए मारने की शिकायत, 13 शिकायतें दुष्कर्म या इसकी कोशिश करने की शिकायतें मिलीं है।
हालांकि जब परिवारों के सदस्य ज्यादा समय साथ बिताते हैं तो घरेलू हिंसा में इजाफा होने की संभावना रहती है। घरेलू हिंसा पर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार ने घरेलू हिंसा संरक्षण अधिनियम 2005 बनाया है। इसमें मार पिटाई, जबरदस्ती यौन शोषण, भावनात्मक स्तर पर यातना और अपमान शामिल है। इस कानून के तहद पति पर 20 हजार रुपए का जुर्माना और 3 महीने की सजा हो सकती है।
ऐसे में महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा के इतने मामले सामने आना वाकई परेशानी की बात है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि जैसे कोरोना रोकने के लिए देरी से कदम उठाए, वैसा घरेलू हिंसा के लिए नहीं होना चाहिए।