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दुनिया की पहली मृत महिला डोनर ने दिया स्वस्थ बच्ची को जन्म

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 05 Dec, 2018 07:41 PM
दुनिया की पहली मृत महिला डोनर ने दिया स्वस्थ बच्ची को जन्म

मेडिकल साइंस में आए दिन कोई ना कोई नया चमत्कार देखने को मिलता रहता है। मगर मेडिकल साइंस का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर हर कोई दंग रह जाएगा। दरअसल, डॉक्टरों ने हाल ही में मृत महिला का गर्भाशय ट्रांसप्लांट किया। खास बात तो यह है कि वह महिला प्रेग्नेंसी भी हो गई और एक स्वस्थ बच्चे को जन्म भी दिया।

ब्राजील के डॉक्टरों ने किया चमत्कार

यह मामला ब्राजील के एक हॉस्पिटल का है, जहां डॉक्टरों ने मृत महिला के गर्भाशय ट्रांसप्लांट करके एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। इस मामले को गर्भाशय संबंधी परेशानियों से जूझ रहे लोगों के लिए वरदान माना जा रहा है। मेडिकल जर्नल के अनुसार, फिलहाल गर्भाशय महिला के रिश्तेदारों की अनुमति से ही दान किया जा सकता है लेकिन फिर भी यह खोज उन महिलाओं के लिए चमत्कार है, जोकि मां बनने का सुख प्राप्त नहीं कर सकती।

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मौत से 10 घंटे बाद किया ट्रांसप्लांट

खबर के मुताबिक, ब्राजील की 32 वर्षीय महिला दुलर्भ बीमारी के चलते मां नहीं बन सकती थी। इसके बाद डॉक्टरों मे सहमति के बाद ब्रेन हमेरेज से मरी 45 वर्षीय महिला के गर्भाश्य में ट्रांसप्लांट किया। यह सप्लांटेशन सर्जरी करीब 10.5 घंटे तक चली और इस सर्जरी के 5 महीने तक महिला को ऑब्जर्वेशन पर रखा गया। इस दौरान किसी भी तरह की कोई परेशानी सामने नहीं आई तो डॉक्टरों ने मरी हुई महिला के गर्भाशय में फर्टिलाइज्ड एग्स डाले, जिसके 7 महीने और 10 दिन बाद महिला प्रेग्नेंट हुई।

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स्वस्थ बच्चे को दिया जन्म

प्रेग्नेंट होने के 35 हफ्ते बाद सिजेरियन की मदद से डॉक्टरों ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। जन्म के समय बच्ची का वजन 3 कि.लो. था। सर्जरी के 3 दिन बाद महिला को अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया गया।

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नहीं होगा महिलाओं की जान को जोखिम

डॉक्टरों का कहना है कि स्वस्थ महिलाओं में गर्भाशय ट्रांसप्लांट करने से उनकी जान को खतरा बना रहता था। ऐसे में मृत महिला में गर्भाशय ट्रांसप्लांट करने से इस बात की आशंका भी खत्म हो जाएगी।

500 में से 1 महिला को है यूट्रेस से जुड़ी प्रॉब्लम

पहले भी मृत महिलाओं के गर्भाशय का ट्रांसप्लांट किया जा चुका है लेकिन इस खोज के सफल होने का यह पहला मामला है। मेडिकल जर्नल लैंसेट के अनुसार, 500 में से किसी एक ना एक महिला को गर्भाश्य से जड़ी बीमारी जरूर होती हैं। वहीं, 10-15% जोड़ों को जननांगों से संबंधित प्रॉब्लम्स होती है। ऐसे में ब्राजील की यह खोज लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

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