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किम कार्दशियन हुई 'ल्यूपस' की शिकार, जानिए इस बीमारी के लक्षण व उपचार

  • Edited By Sunita Rajput,
  • Updated: 13 Sep, 2019 01:03 PM
किम कार्दशियन हुई 'ल्यूपस' की शिकार, जानिए इस बीमारी के लक्षण व उपचार

हॉलीवुड स्टार किम कार्दशियन हमेशा से अपनी परफेक्ट फिगर और बोल्डनेस के लिए जानी जाती हैं। मगर इस बार वो ना तो अपनी बोल्डनेस और ना ही अपने कपड़ों को लेकर बल्कि अपनी हैल्थ प्रॉबल्म के लिए चर्चा में आ चुकी हैं। जी हां, 'कीपिंग अप विद द कार्दशियन' के सीज़न 17 के प्रीमियर पर 38 साल की रियलिटी स्टार किम ने हाल ही में बताया कि उन्होंने मेडिकल टेस्ट करवाया है और उन्हें ल्यूपस होने की संभावना है। चलिए जानते हैं क्या हैं ये बीमारी और इसके लक्षण, ताकि समय रहते इसका इलाज करवाया जा सकें। 

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ल्यूपस एंटीबॉडीज क्या है?

ल्यूपस एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें हालत बिगड़ जाने पर रोग की सक्रियता अलग-अलग चरणों में सामने आती है। दरअसल, शरीर की रक्षा प्रणाली एंटीबॉडी का उत्पादन करती है जो सूजन के कारण अपने स्वयं के ऊतकों पर हमला करती है। इस बीमारी में हृदय, फेफड़े, गुर्दे और मस्तिष्क भी प्रभावित होते हैं और इससे जीवन को खतरा हो सकता है। ल्यूपस के दो मुख्य प्रकार होते हैं जिन्हें डिस्कॉइड ल्यूपस और सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस (एसएलई) कहा जाता है।

क्यों होती हैं ये बीमारी? 

हालांकि, इस बीमारी के होने कोई ज्ञात कारक नहीं हैं, मगर माना जाता है कि ल्यूपस धूम्रपान, प्रदूषण और सिलिका धूल जैसे विषैले पदार्थों के संपर्क में रहने से भी यह रोग हो सकता है। साइटोमेगालोवायरस, एपस्टीन-बार या हेपेटाइटिस-सी नामक वायरस के कारण भी यह हो जाती है। कुछ स्टडी रिपोर्ट्स से पता चलता है कि असामान्य हार्मोन (एस्ट्रोजेन) के स्तर में वृद्धि होने से भी ल्यूपस हो सकती है या इसका कारण आनुवंशिक भी हो सकता है लेकिन यह कोई क्रमिक बीमारी नहीं हैं। 

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बता दें कि भारत में इस बीमारी की मौजूदगी प्रति दस लाख लोगों में 30 के बीच होती है और पुरुषों की तुलना में महिलाएं इससे अधिक प्रभावित होती हैं। हालांकि, केवल 15 मामलों में से एक 50 वर्ष की आयु के बाद शुरू होता है, जब यह कम गंभीर हो जाता है।

चलिए जानते हैं इस बीमारी के लक्षण...

डॉक्टर्स के अनुसार, ल्यूपस के लक्षण समय के साथ अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन सामान्य लक्षण कुछ इस प्रकार हैं। 

ल्यूपस के लक्षण 

-जोड़ों में दर्द व सूजन 
- बालों का झड़ना व सिरदर्द 
- नाखून पीला पड़ना या तितली के आकार के दाने होना
- त्वचा पर चकत्ते
- थकावट होना व एनीमिया
- रक्त के थक्के बनने की प्रवृत्ति में वृद्धि 
- मुंह या नाक में घाव
- ठंड लगने पर हाथ-पैर की उंगलियां सफेद या नीली पड़ना 

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ल्यूपस का निदान

ल्यूपस के लक्षण समय के साथ अलग-अलग और अन्य रोगों के लक्षणों के समान होते हैं। मगर पूर्ण रक्त गणना, मूत्र-विश्लेषण, एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडी(एएनए) परीक्षण, चेस्ट एक्स-रे, टिशू बायोप्सी आदि के जरिए इसका निदान किया जाता है।

ल्‍यूपस से बचाव के तरीके 

- हैल्दी खाएं और लाइफस्टाइल अपनाएं 
- सूर्य की पराबैंगनी किरणों व घर और स्‍ट्रीट लाइटों में लगे फ्लोरिसेंट लाइट बल्‍ब से निकलने वाली किरणों के संपर्क में आने से बचें। 
- शरीर के किसी भी हिस्‍से में चोट लगी है तो उसका इलाज करवाएं क्योंकि यह ल्‍यूपस का कारण बन सकती हैं। 
- सिजेरियन डिलीवरी या अन्य किसी सर्जरी के बाद अपने शरीर को पूरा ध्यान रखें। 

वैसे तो ल्यूपस के इंफेक्शन से बचना थोड़ा मुश्किल हैं लेकिन अगर थोड़ी सी सावधानी बरती जाए तो इससे बचा भी जा सकता हैं। चलिए जानते हैं उन सावधनियों के बारें में...

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- जिन लोगों को स्किन की प्रॉबल्म होती है उन्हें सीधे सूर्य की रोशनी में आने से बचना चाहिए। 
- साथ ही छोटी-छोटी बातों या उलझनों में टेंशन ना लें। 
- ल्यूपस इंफेक्शन होने पर ज्यादा से ज्यादा आराम करें। 
-  इसके अलावा धूम्रवान या अन्य नशीली चीजों के सेवन से बचें। 
- शरीर पर लाल चकत्ते, बुखार, दर्द या थकान से बदन टूटने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। 
- संक्रमण से बचने के तरीके अपनाएं और बीमारी से पीड़ित लोगों के आस-पास न रहें।

इसके अलावा डॉक्टरों द्वारा गैर-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेट्री ड्रग्स, स्टेरॉयड क्रीम, एंटीमाइरियल्स, स्टेरॉयड गोलियां इसका इलाज करने के लिए निर्धारित की जाती है।
 

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