बच्चों की लाइफ में आज उनका हमसफर पेरेंट्स या दोस्त नहीं बल्कि स्मार्टफोन या कंप्यूटर बन चुका है। मनोरंजन के ढेरों स्रोत और इंटरनैट की अनेकों सुविधाओं के कारण यह उनके दैनिक जीवन का हिस्सा बन चुका है। बच्चों में बढ़ते इंटरनैट के क्रेज को देख न सिर्फ आम पेरेंट्स बल्कि यूरोप के राजघराने भी चिंता जता रहे हैं। स्वीडन के प्रिंस कार्ल फिलिप चाहते हैं कि माता-पिता अपने बच्चों की रोजमर्रा की ऑनलाइन गतिविधियों के बारे में अधिक जागरुक हो जबकि ब्रिटेन के राजकुमार विलिमय सोशल नैटवर्क्स के खिलाफ हल्ला बोल चुके हैं।
इंटरनैट का बच्चों पर असर देख चिंतित है राजघराने
स्वीडन के शाही दांपति कार्ल फिलिप व सोफिया द्वारा बनाई गई वैबसाइड पर अभिभावकों को सबसे पहले एक संदेश नजर आता है। इस वैबसाइड का उद्देश्य आपके और आपके बच्चों के बीच रोजमर्रा की ऑनलाइन जिंदगी के बारे में वार्ता का रास्ता खोसना है। इन दिनों अनेक पेरेट्स चिंतित है कि वे अपने बच्चों को इंटरनैट में छूपे खतरों से कैसे बचा सकता हैं। सोफिया व कार्ल फिलिप किसी शाही परिवार के पहले सदस्या नहीं हैं जो इंटरनैट की अलोचना कर रहे हैं। लगता है कि सभी यूरोपीय राजघरानों में बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर नई जागरूकता फैल रही है।
डेनमार्क की रानी मार्गेट द्वितीय
2019 के नववर्ष संबोधन में डेनमार्क की रानी मार्गेट द्वितीय भी इंटरनैट पर बोली थीं। 78 वर्षीय रानी के अनुसार, तकनीकी प्राप्ति की मदद से दुनिया के किसी भी कोने में अपने बच्चों से बात करना संभव हो गया है परंतु इसकी ही वजह से रिश्तों में निकटता खत्म हो रही है। उन्होंने कहा, व्यक्ति हर वक्त ऑनलाइन रहता है लेकिन वह भूल जाता है कि दूसरे छोर पर भी कोई इंसान ही हैं। बच्चों और युवाओं को इंटरनैट पर अपमानजनक टिप्पणी करने से पहले इसके परिणामों के बारे में सोचना चाहिए।
ब्रिटेन के प्रिंस विलियम्स
ब्रिटेन के शाही घराने के पसंदीदा सदस्यों में से एक प्रिंस विलियम्स ने ऑनलाइन शिष्टाचार को लेकर सख्त बातें की हैं। 2018 की शुरूआत में उनकी पत्नी केट ने सोशल नैटवर्क की लत के खतरों के बारे में चेताया और फिर प्रिंस विलियम्स ने गत नवंबर में एंटीबुलिंग वीक(इंटरनैट पर अपमानजनक भाषा के प्रयोग के विरुद्ध अभियान) के दौरान बच्चों को सोशल नैटवर्क पर नफरत से बचाने के लिए बड़ी टैक्नोलाजी कंपनियों पर पर्याप्त प्रयास नहीं करने का आरोप लगाया था। तीन बच्चों के पिता प्रिंस विलियम्स ने कहा था, जिन एप्स का इस्तेमाल हम नए दोस्त बनाने के लिए करते हैं, वो बच्चों को निशाना बनाने वाले लोगों को उन्हें लक्ष्य बनाने के लिए आसान मौका भी दे सकती हैं...मुझे चिंता है कि हमारी टैक्नोलाजी कंपनियों को अभी भी सोशल मीडिया की ताकत के साथ आने वाली जिम्मेदारियों के बारे में बहुत कुछ सीखना व करना बाकी हैं।
स्पेन के राजा फिलिप षष्टम
इसके अलावा नंवबर में ही स्वीडन के राजा फिलिप षष्टम ने डाटा व निजता की अधिक सुरक्षा के लिए आह्रान कियाष उनके अनुसार सभी देशों को आज डिजिटल जगत में लोगों की निजता का सम्मान करने और उन्हें बेहतर सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकता है।
डच शाही युगल ने लागू किया नो स्क्रीन हॉलिडे
डच शाही युगल विलेम-एलैग्जैंडर व मैक्सिमा ने तो ऑनलाइन जागरूकता फैलाने के लिए सबसे कठोर तरीके का सहारा लिया। अपनी तीन बेटियों के साथ उन्होंने स्क्रीन-फ्री हॉलिडे पर जाने का फैसला किया। यानी सभी स्मार्टफोन और आईपैड उनकी छुट्टियों के दौरान बंद रहेंगे। विलमे-एलैग्जैंडर ने स्वीकार किया कि उनकी 15 वर्षीय बेटी अमालिया, 13 वर्षीय एलैक्सिया व 11 वर्षीय एरियाने उनके इस फैसले से बिल्कुल खुश नहीं थी। उन्होंने कहा, वे शिकायत कर रही हैं। पहले कुछ दिन तो हमारे लिए भी वाकई कठिन रहे। रोजमर्रा की जिंदगी में वे तीनों अन्य युवाओं की ही तरह अपने-अपने स्मार्टफोन से चिपकी रहती हैं। वे सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं लेकिन बे बहुत जिम्मेदारी से ये सब करती हैं। उनकी दादी बीएट्रिक्स ने भी 10 वर्ष पहले रानी के रूप में इंटरनैट और आपसी संपर्क की कमी के बारे में चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था इंटरनैट पर बिजी रहने के बाद अब हम अपने पड़ोंसियों को भी नहीं जानते हैं।
जागरूकता फैलाएगी स्पेन की वैबसाइड और हैंडबुक
स्वीडन में कार्ल फिलिप और सोफिया इस विषय को स्पेन के घर-घर पहुंचा रहे हैं। उन्होंने हाल ही में अपनी बैवसाइड पर आधारित एक हैंडबुक इस साल 10 वर्ष के हुए सभी बच्चों के माता-पिता को भेजी हैं। हैंडबुक में कुछ मौलिक प्रशनों से संबंधित बातें की गई हैं। जैसे कि बच्चे इंटरनैट पर इतना समय क्यों गुजारते हैं? वास्तविक जीवन नैट से अलग कैसे हैं? ऑनलाइन उत्पीड़न और ट्रॉलिंग से कैसे निपटें? इस बात का क्या मतबल है कि इंटरनैट कुछ भूलता नहीं हैं? अपनी वैबसाइड पर वह लिखते हैं कि इंटरनैट पर जो कुछ होता हैं उसके बारे में बच्चे किसी बड़े से बात करना चाहते हैं परंतु उन्हें लगता है कि वे उन्हें समझ नहीं सकेंगे। उनकी वैबसाइड व हैंडबुक का मकसद बच्चों व बड़ों को इस बाबत आपस में बात करने में मदद करना है।