बदलते लाइफस्टाइल में बड़ रही मौतों का कारण है कैंसर। कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसपर तमाम प्रयासों के बावजूद भी काबू नहीं पाया जा रहा। कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है। यह छोटी उम्र के बच्चे में भी देखने को मिल जाता है। कैंसर के कई कारण हो सकते है लेकिन इसका सबसे बड़ा कारण हमारा दिनों-दिन बदल रहा रहन-सहन और वातावरण है। बच्चों में कैंसर का पता लगाना काफी मुश्किल होता है।
कैंसर, बच्चों में रोग संबंधी मृत्यु दर के सबसे अधिक कारणों में से एक है। अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी) के मुताबिक, दुनिया भर में 300,000 से अधिक बच्चे कैंसर का निदान करते हैं। कैंसर के प्रति बच्चों और लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 15 फ़रवरी को International Childhood Cancer Day मनाया जाता है। इसमें बच्चों को कैंसर के विभिन्न पहलुओं तथा इस बीमारी से जुड़े विशेष तथ्यों के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है।
बचपन और किशोरअवस्था में कैंसर होने से और कई संक्रामक बीमारियां होने का खतरा भी बना रहता है। बच्चों में कैंसर का पता लगाना काफी मुश्किल है। इसके अलावा, बचपन के कैंसर के लक्षण आम बचपन की बीमारियों के समान होते हैं। आज हम बच्चों में कैंसर के कुछ लक्षणों के बारे में बताएंगे, जो अक्सर रोगी बच्चे में देखने को मिलते है।
किशोरो में कैंसर के शुरूआती लक्षण
-बिना किसी चोट के गांठ और सूजन
-लगातार पेट में दर्द या सूजन
- पीठ दर्द
-व्यवहार में परिवर्तन
-सिरदर्द
-छोटे-छोटे लाल या बैंगनी दाने
-हर वक्त थकावट
-संक्रमण या फ्लू
-बुखार (उच्च तापमान) या पसीना
-वजन घटना
-सांस लेने में दिक्कत
-आंखों की रोशनी में परिवर्तन
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