भारत में शिक्षक दिवस हर साल 5 सिंतबर को मनाया जाता है। शिक्षक दिवस डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में मनाया जाता है जो देश के द्वीतिय राष्ट्रपति थे। इस दिन उनका जन्मदिवस होता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बर्थडे पर ही शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
शिक्षक दिवस का महत्व
अपने शिक्षकों के इस खास दिन को सैलीब्रेट करने में छात्र भी पीछे नहीं रहते हैं। कई स्कूलों में इसके लिए दो-तीन दिन पहले से तैयारियां शुरू हो जाती है। छात्र अपने पसंदीदा टीचर को फीलगुड कराने के लिए नए-नए तरीके अपनाते हैं। ग्रीटिंग कार्ड पर शिक्षक के सम्मान में कुछ लाइनें लिखकर भी दी जाती हैं। इसके अलावा कई स्कूलों में इस दिन नाटकों का भी आयोजन होता है जिनमें छात्र शिक्षकों की भूमिका में नजर आते हैं।
वैसे ज्यादातर छात्र इस दिन शिक्षकों को पैन या फिर उनकी कोई पसंदीदा किताब गिफ्ट करते हैं। पूरे दिन शिक्षक और छात्र इस खान दिन को खास तरह से सैलीब्रेट करते हैं।
अब तो सोशल मीडिया पर भी अपने टीचरों को शुभकामनाएं देने का चलन शुरू हो चुका है। वैसे भी सोशल मीडिया के इस दौर में शिक्षक दिवस इससे भला कैसे अछुता रह सकता है। स्कूल जाने से पहले या अपने शिक्षक से मिलने से पहले उन्हें सोशल मीडिया पर मैसेज लिखकर टैग कर दिया जाता है। कई छात्र गूगल का सहारा लेकर किसी इमेज या फिर इलुस्ट्रेशन के जरिए टीचर्स डे विश करते हैं।
सोशल मीडिया का एक फायदा उन छात्रों को आवश्य है जो स्कूल या कॉलेज पास कर चुके हैं क्योंकि अब वे अपने शिक्षकों को सोशल मीडिया के जरिए इस खास दिन की बधाई आसनी से दे सकते हैं।
सर्वपल्ली राधाकृष्णन कौन थे
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के दूसरे राष्ट्रपति और एक शिक्षक थे। वह पूरी दुनिया को स्कूल मानते थे। उनका कहा था कि जहां से भी कुछ सीखने को मिले उसे अपने जीवन में उतार लेना चाहिए। वह पढ़ाने से ज्यादा छात्रों के बौद्धिक विकास पर जोर देने की बात करते थे। वह पढ़ाई के दौरान खुशनूमा महौल बनाकर रखते थे। 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
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