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भारत में सख्त हुए Surrogacy के नियम, किराए की कोख लेने पर होगी 10 साल की सजा

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 16 Jul, 2019 11:52 AM
भारत में सख्त हुए Surrogacy के नियम, किराए की कोख लेने पर होगी 10 साल की सजा

सोचने वाली बात है कि आज के दौर को देखते हुए ये सवाल खड़ा होता है कि क्या किराए की कोख पर रोक लगनी चाहिए या नहीं। कुछ महिलाएं मजबूरी वश तो कुछ अन्य कारणों को सरोगेसी का सहारा ले रही हैं। मगर किराए पर कोख यानि कमर्शियल सेरोगेसी पर रोक लगाने के लिए सरकार सख्त कदम उठा रही हैं। दरअसल, सरकान ने 'द सेरोगेसी (रेगुलेशन) बिल, 2019' पेश किया है,जिसके तहद कमर्शियल सेरोगेसी को गैर-कानूनी ठहराया है और इसका उलल्घंन करने वालो को सख्त से सख्त दी जाएगी।

 

पिछले कुछ सालों से भारत सेरोगेसी हब के तौर पर उभरा है। इतना ही नहीं, इसके कारण अनैतिक व्यवहार, सरोगेट माताओं का शोषण, मानव भ्रूण के आयात जैसी घटनाएं बढ़ी हैं, जिसके कारण सरकार ने यह कदम उठाया है। वहीं डॉक्टर्स भी इस तकनीक का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। यही कारण है कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 'द सेरोगेसी (रेगुलेशन) बिल, 2019' लोकसभा नें पेश किया। इसमें राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर सेरोगेसी बोर्ड बनाने की प्रस्ताव किया गया है।

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किरए की कोख लेने व देने वाले को 10 साल की सजा

बिल के अनुसार, जो भी इसका इस्तेमाल व्यवसायिक तौर पर करेगा उसे 5 साल की सजा दी जाएगी। वहीं अगर वो यह अपराध दोबारा करेगा तो इसकी अवधि बढ़कर 10 साल हो जाएगी। इसके साथ ही अपराधी को 10 लाखरुपए जुर्माना भी देना होगा।

सिर्फ यही लोग करवा सकते हैं सेरोगेसी

कानून के मुताबिक, सिर्फ वही कपल्स इस तकनीक का सहारा ले सकते हैं तो मा-बाप नहीं बन सकते यानि अगर उन्हें बांझपन या कोई अन्य बीमारी है। हालांकि ऐसी स्थिति में भी सिर्फ उनके नजदीकी रिश्तेदार ही सेरोगेट मदर बन सकती हैं।

सेरोगेसी के लिए जरूरी है यह काम

पेश के किए बिल के तहत, सेरोगेसी के लिए क्लीनिक का पंजीकरण जरूरी है। वहीं कोई भी व्यक्ति या क्लीनिक सेरोगेसी का व्यवसायिक इस्तेमाल या प्रचान नहीं कर सकता।

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कई देशों में पहले ही है प्रतिबन्ध

भारत में 2002 में सरोगेसी को मान्यता दी गई थी लेकिन बढ़ती घटनाओं को देखते हुए सरकार ने इसपर रोक लगाने का फैसला किया है। भारत में रोक लगने से पहले कई देशों में किराए की कोख देने पर प्रतिबंध लग चुका है। थाईलैंड की संसद ने एक बिल पास कर किराए पर कोख देने पर प्रतिबंध लगा दिया था। वहीं इससे पहले जर्मनी और फ्रांस जैसे देशों में भी सरोगेसी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

'द सेरोगेसी बिल, 2019' की खास बातें

-राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर सेरोगेसी बोर्ड के गठन का प्रस्ताव।
-सेरोगेट मां संतान चाहने वाले कपल्स की नजदीकी रिश्तेदान होनी चाहिए।
-सेरोगेट मां की उम्र 25 से 35 साल और उसका अपना एक बच्चा होना चाहिए।
-कोई भी महिला सिर्फ एक बार ही सेरोगेट मां सकती हैं।
-सेरोगेट कारोबार करने पर 10 साल की जेल और 10 लाख रुपए का जुर्माना देना पड़ेगा।

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