कुछ भी असंभव नहीं, जो सोच सकते है, वो कर सकते है, सिर्फ इरादे मजबूत होने चाहिए। ये पंक्तियां पानीपत की 23 वर्षीय निष्ठा डुडेजा पर बिल्कुल सही बैठती है। आपको बता दें कि निष्ठा 'मिस डेफ एशिया' 2018 का खिताब हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला बनी।
- हरियाणा की बेटी ने रोशन किया देश का नाम
पानीपत में रहने वाली निष्ठा डुडेजा ने कभी अपनी कमियों को कभी सफलता के आड़े नहीं आने दिया। भले ही वो जन्म से ही सुनने में अक्षम रही हो लेकिन अपने अदम्य साहस और दृढ़ इच्छा शक्ति के बल पर उन्होंने न केवल अपने परिवार बल्कि देश का गौरव भी बढ़ाया है।
- 45 देशों की सुंदरियों को हरा कर निष्ठा ने जीता खिताब
चेक गणराज्य में 18वीं मिस डेफ वर्ल्ड 2018 प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें 45 देशों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। फाइनल राउंड में 24 बचे जिसमें मिस एवं मिस्टर वर्ल्ड, यूरोप व एशिया चुने गए। निष्ठा डुडेजा ने सभी सुंदरियों को पीछे छोड़ते हुए 'मिस डेफ एशिया' 2018 का खिताब अपने नाम किया।
- निष्ठा की सफलता के पीछे है उनकी मां
निष्ठा के पिता वेदप्रकाश डुडेजा उत्तर रेलवे में चीफ इंजीनियर के पद पर कार्यरत है। उन्होंने बेटी की सफलता का श्रेय निष्ठा की मां पूनम को दिया जिन्होंने उन्होंने कड़ी मेहनत और समर्पण से बेटी को इस मुकाम तक पहुंचने के काबिल बनाया।