दुनिया में शादी को लेकर अलग-अलग तरह के रीति-रिवाज हैं। कुछ परंपरा तो एेसी हैं जिन पर विश्वास करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। इन सब रिवाजों का भुगतान सिर्फ महिलाओं और लड़कियों को ही करना पड़ता है। जबकि पुरूषों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
सुहागरात के समय कमरे के बाहर बैठा होता है पूरा गांव
आज जहां शहरों में शादी के बाद हनीमून पर जाना एक रस्म बन गई है। वहीं अब भी कई एेसे समुदाय हैं जहां सुहागरात के समय पूरा गांव और सरपंच कमरे के बाहर बैठता है। उनका एेसा करने के पीछे की वजह जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
सुहागरात पर दूल्हा-दुल्हन की परंपरा
कंजरभाट नाम का समुदाय पिछले 20 सालों से यह पुरानी और शर्मनाक परंपरा को निभा रहा है। इस परंपरा को इसलिए निभाया जाता है ताकि दुल्हन के चरित्र के बारे में जान सकें। परंपरा के मुताबिक दूल्हा-दुल्हन को कमरे के अंदर जाने से पहले सफेद चादर दी जाती है। नवविवाहित जोड़ा बिस्तर पर इसी चादर को बिछा कर सोता है। ताकि पहली बार संबंध बनाते वक्त उस पर खून का दाग आसानी से न जा सके।
सुहागरात की परीक्षा
सुबह सरपंच चादर पर दाग देखता है। अगर चादर पर दाग हो तो महिला को पवित्र माना जाता है। यदि सरपंच को कोई दाग दिखाई नहीं देता तो वह महिला अपनी परीक्षा में फेल हो जाती है। फिर दुल्हन को गलत मानकर उसके साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया जाता है।
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