जब एक पिता अपनी बेटी की शादी करता है तो वो उसे उपहार में गहने, कपड़े, जवाहरात, वाहन या पैसे देता है, ताकि वो अपने ससुराल में खुश रह सके। मगर, हाल में एक बेटी ने अपने पिता से ऐसा अनोखा उपहार मांग लिया, जो हर किसी को हैरान कर देगा।
दरअसल, गुजरात के राजकोट इलाके में रहने वाले हरदेव सिंह जाडेजा जो पेशे से टीचर हैं, उनकी बेटी किन्नारी बा को बचपन से ही किताबें पढ़ने का खूब शौक है। पिता ने अपनी बेटी के लिए घर में ही एक लाइब्रेरी बनवा रखी है, जिसमें 500 किताबों है।
जब किन्नरी की शादी वडोदरा के इंजीनियर पूर्वजीत सिंह से हुई तो उसने पिता से कहा कि मेरी शादी में आप दहेज के तौर पर गहने रुपए नहीं बल्कि मेरे वजन के बराबर किताबें दें, मुझे अच्छा लगेगा। तब पिता हरदेव सिंह ने तय किया कि वे उसकी इच्छा पूरी करेंगे। अब भला पिता अपनी बेटी की इच्छा को कैसे टाल सकता था। उन्होंने दहेज में अपने बेटी को पढ़ने के लिए करीब 2200 किताबें देकर विदा किया।
बेटी की इच्छा को पूरी करने के लिए पिता ने सबसे पहले एक लिस्ट बनाई, जिसमें उनकी पसंद की सभी किताबों के नाम लिखे। इसके बाद उन्होंने दिल्ली, काशी और बेंगलुरु समेत कई शहरों से किताबें एकत्रित की, जिसमें उन्हें करीब 6 महीने का समय लग गया।
इस बुक्स क्लैक्शन में महर्षि वेद व्यास से लेकर मॉर्डन लेखकों कीलिखी कई किताबें शामिल है, जो सिर्फ हिंदी नहीं बल्कि अंग्रेजी व गुजराती भाषा में भी है। इसमें कुरान, बाइबिल समेत 18 पुराण भी हैं। पूर्वजीत सिंह कनाडा में रहते हैं और हरदेव ने बेटी के साथ इन किताबों को भी गाड़ी में भरकर विदा किया गया।
लाइफस्टाइल से जुड़ी लेटेस्ट खबरों के लिए डाउनलोड करें NARI APP