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कोरोना पीड़ित को हो सांस लेने में दिक्कत तो तुंरत लिटाए पेट के बलः रिसर्च

  • Edited By Sunita Rajput,
  • Updated: 25 Mar, 2020 06:54 PM
कोरोना पीड़ित को हो सांस लेने में दिक्कत तो तुंरत लिटाए पेट के बलः रिसर्च

कोरोना वायरस को लेकर चीनी शोधकर्ताओं ने अपनी हालिया रिसर्च में ये खुलासा किया है कि अगर मरीज को सांस लेने में मुश्किल हो रही हो तो ऐसे मरीज को उल्टा लिटाया जाए तो सांस लेना बेहद आसान हो जाता है।  ऐसी स्थिति में पेट के बल लेट जाएं और मुंह को तकिए पर रखें। यह रिसर्च कोरोना वायरस के गढ़ वुहान में इस वायरस से जूझ रहे मरीजों पर की गई है। अब आप सोच रहे होगें की उल्टा लेटाने से कैसे सांस आ सकती है तो आइए हम आपको बताते हैं- 

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बदलता है फेफड़ों का व्यवहार

एक शोध के मुताबिक, वेंटीलेटर पर कोरोना पीड़ित का उल्टा लेटना फेफड़ों के लिए बहुत बेहतर है। चीन में साउथवेस्ट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता हैबो क्यू के मुताबिक, जब फेफड़ों पर सकारात्मक दबाव बढ़ता है तो उनका व्यवहार बदलता है। ऐसी स्थिति में मरीज को राहत महसूस होती है और सांस लेने में भी आसानी होती है। इतना ही नही, चीन ने तो इसे अपने मरीजों पर भी ट्राई किया जिसकी रिपोर्ट में आया कि नए कोरोना वायरस के मरीज एक्यूट रेस्पिरेट्री डिस्ट्रेस सिंड्रोम से जूझते हैं। जिन्हें मशीनों के जरिए ऑक्सीजन दी जाती है। चीन में भी कोरोना के जो मरीज भर्ती हुए वो भी इस सिंड्रोम से जूझ रहे थे। 

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 एक हफ्ते चली थी रिसर्च

शोधकर्ताओं का कहना है कि यह रिसर्च एक हफ्ते तक चली थी। इलाज के दौरान मरीज के शरीर की पोजिशन का भी प्रभाव पड़ता है। गलत तरह से लेटने पर शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है। वेंटिलेटर पर लेटे कोरोना पीड़ित मरीज का ऑक्सीजन लेवल, फेफड़ों का आकार और एयर-वे प्रेशर जांचा गया। रिसर्च में सामने आया कि 7 मरीज कम से कम एक बार ही सीने के बल लेटे थे (प्रोन पोजिशन) में लेटे थे। वहीं, तीन ऐेसे थे जो प्रोन पोजिशन में लेटे थे, उन्हें इक्मो भी दिया जा रहा था। इक्मो एक तरह का लाइफ सपोर्ट सिस्टम है। इसके अलावा 3 की मौत हो गई थी।

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