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अनाथालय में गुजरा बचपन आखिरी वक्त में नहीं थे इलाज के पैसे, ऐसी थी ट्रेजडी क्वीन की लाइफ

  • Edited By Priya dhir,
  • Updated: 01 Aug, 2019 02:48 PM
अनाथालय में गुजरा बचपन आखिरी वक्त में नहीं थे इलाज के पैसे, ऐसी थी ट्रेजडी क्वीन की लाइफ

60 दश्क में एेसी कई हीरोइनों रही हैं जिन्होंने अपनी एक्टिंग से लाखों लोगों को दीवाना बनाया। इन्हीं में से एक थी मीना कुमारी।  बॉलीवुड में मीना कुमारी ट्रेजडी क्वीन नाम से फेमस थी। 1 अगस्त 1933 में जन्मी मीना कुमारी का असली नाम महजबीं बानो था। 

 

बॉलीवुड की ट्रेजडी क्वीन मीना कुमारी

मीना कुमारी के पिता अली बख्श पारसी थिएटर का एक जाना-माना नाम थे। उनकी मां इकबाल बेगम अली बख्श की दूसरी बीवी थीं। मीना कुमारी की दो और बड़ी बहनें थीं। मीना कुमारी के जन्म के वक्त उनके पिता लड़का चाहते थे। वही परिवार की हालत ऐसी थी कि उनके पास डॉक्टर की फीस देने तक के पैसे भी नहीं थे, जिसकी वजह से महजबीं को एक अनाथालय में डाल दिया गया।

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'लैदरफेस' फिल्म से शुरू किया करियर

मीना कुमारी ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत फिल्म "लैदरफेस" से की। फिल्म 'एक ही भूल' में विजय भट्ट ने इनका नाम बेबी महजबीं से बदल कर बेबी मीना कर दिया।  मीना की फ़िल्म 'साहिब, बीवी और गुलाम' (1962) ने एक इतिहास बनाया। हिंदी फिल्मों की ट्रेजडी क्वीन मीना कुमारी की जिंदगी भी काफी ट्रैजिक रही।

शादीशुदा कमाल अमरोही पर आया मीना कुमारी का दिल

1952 में एक फिल्म के सेट पर मीना कुमारी की मुलाकात कमाल अमरोही से हुई। दोनों में नजदीकियां बढ़ी। मीना कुमारी ने पहले से तलाकशुदा और अपने से 15 साल बड़े कमाल अमरोही से शादी कर ली। शादी के कुछ समय बाद दोनों के रिश्ते में दरार आ गई। साल 1964 में दोनों का तलाक हो गया। किसी बात पर गुस्सा आने पर कमाल ने मीना को तीन तलाक कह दिए।

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शराब पीने की आदि हो गई थीं मीना कुमारी

इतना ही नहीं, उन्हें दोबारा पति से निकाह करने के लिए हलाला करवाना पड़ा था। कमाल से तलाक और हलाला पर उन्होंने कहा था कि मजहब के नाम पर अगर मुझे अपने शरीर को किसी दूसरे मर्द को सौंपना पड़ा, तो यह एक वेश्या के जैसा ही हुआ। आपसी रिश्तों की खराबी के चलते मीना शराब पीने लगी थीं। निजी जिंदगी की कशमकश ने उन्हें बीमार कर दिया।

आखिरी वक्त में इलाज के लिए नहीं थे पैसे

अधिक शराब पीने और सेहत खराब हो जाने के कारण मीना कुमारी पहले जैसी खूबसूरत नहीं रही थीं लेकिन फिर भी फिल्म 'पाकीजा' में उन्होंने काम किया। फ़िल्म ‘पाकीजा’ फरवरी, 1972 में रिलीज़ हुई और इसके दो हफ़्ते के बाद ही मीना कुमारी का निधन (31 मार्च, 1972) हो गया था। रिलीज के वक्त पाकीजा को फ्लॉप माना जा रहा था लेकिन मीना कुमारी की मौत के बाद फिल्म सुपरहिट साबित हुई।

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कई फिल्मों में काम करने के बावजूद मीना कुमारी के पास आखिरी वक्त में इलाज के लिए पैसे नहीं थे। मीना के तलाकशुदा पति भी उन्हें देखने नहीं आए। 

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