ऑस्ट्रेलिया की बेक रॉलिंग्स ने बेयर-नकल बॉक्सिंग की फ्लाईवेट कैटेगरी में अपना वर्ल्ड टाइटल बरकरार रखा है। 29 साल की रॉलिंग्स ने बेयर-नकल फाइटिंग चैंपियनशिप में मैक्सिको की सेसेलिया फ्लोरेस को हरा दिया। बेक के लिए यहां तक पहुंचना बहुत मुश्किल था। उनके लिए रिंग में फाइट करने से ज्यादा मुश्किल अपने साथ हुई हिंसा से फाइट करना था। चलिए आपको बताते हैं कि क्या है बेक की लाइफ का सफर।
मिक्स मार्शल आर्ट्स हैं बेक
ऑस्ट्रेलिया में पली-बड़ी बेक 29 साल की हैं। इन्हें बचपन से बास्केट बॉल, जिमनास्ट और एथलेक्टिस में भी इंटरेस्ट था। 2010 में इनकी मुलाकात डेन हयाट से हुई, जिसके बाद इन्होंने मिक्स मार्शल आर्ट्स करने का फैसला किया। रॉलिंग्स ने 2011 से प्रोफेशनल फाइटिंग शुरू की थी।
घरेलू हिंसा का हो चुकीं हैं शिकार
एक इंटव्यू में बेक ने बताया, 'हयाट से मिलने के तीन महीने बाद ही वो मुझे हैरेस (Harras) करने लगा था। वो खुद एक अच्छा प्रोफेशनल फाइटर था इसलिए मैंने जब कभी भी इसे रोकने की कोशिश की, मैं हार गई। मेरे लिए उससे खुद को बचाना नामुमकिन था। वो मेरे कपड़े फाड़ देता था। मेरे पास पहनने के लिए ठीक कपड़े भी नहीं होते थे।'
हर पल होता था मौत का डर
रॉलिंग ने बताया, 'डेन हयाट के साथ बिताए वे साल मेरे जीवन का सबसे बुरा समय था लेकिन अब मैं उस समय को याद कर रोती नहीं हूं। कुछ घाव ऐसे होते हैं, जो कभी नहीं भरते। वह मेरे साथ इतनी मारपीट करता कि मैं घंटों बेहोश रहती। उसने मुझे और मेरे बेटे को भी मारने की कोशिश की। इसके बाद हमने घर छोड़ दिया। उसके साथ रहते हुए मुझे हर पल मौत का डर होता था।' उन्हें चार साल तक घरेलू हिंसा सहनी पड़ी लेकिन 2013 में पति का घर छोड़ने के बाद उन्होंने एक बार फिर खेल की ओर रुख किया।
फाइटिंग की क्वीन है बेक
आज बेक रॉलिंग्स फाइटिंग की क्वीन बन चुकीं है। उन्होंने 15 मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स फाइट में से 7 जीतीं। उन्होंने 2011 में MMA (मिक्स मार्शल आर्ट्स) में एंट्री की थी लेकिन लेकिन पहले ही राउंड में नॉकआउट हो गई। इसके बाद उन्होंने दोबारा यूएफसी फाइटिंग शुरू कर दी थी। 5 साल बाद बेयर-नकल बॉक्सिंग में वर्ल्ड चैंपियन बनीं। उनका कहना है कि मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स ने मुझे खुद से प्यार करना सिखाया। उसने मुझे मजबूत इंसान बनाया।
बच्चों को बनाना चाहती हैं मजबूत
ऑस्ट्रेलिया की मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट और बेयर-नकल बॉक्सर बेक रॉलिंग्स कहती हैं, 'मैं इस खेल के लिए बनी हूं और यह खेल मेरे लिए। शायद इसलिए क्योंकि मैंने कई साल तक शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना सही है। इसलिए खेल से जुड़ाव महसूस करती हूं। मैं बच्चों को भी अपने जैसा मजबूत बनाना चाहती हूं।'
घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं की करना चाहती हैं मदद
बेक कहती हैं कि मैंने अपना करियर बना लिया है इसलिए अब मैं बिना किसी डर के रहती हूं। मैंने अपने अनुभव सबके साथ इसलिए साझा किए ताकि मैं उन लोगों की मदद कर सकूं, जो घरेलू हिंसा की शिकार हैं या रही हैं।
रोजाना 3 से 4 घंटे करती हैं बॉक्सिंग की प्रैक्टिस
रॉलिंग्स रोजाना बच्चों को स्कूल छोड़ती हैं। फिर जिम में दो घंटे ट्रेनिंग करती हैं। वह रोजाना 3 से 4 घंटे प्रैक्टिस करती हैं, जिसमें रनिंग भी शामिल है। उन्होंने पूरे शरीर पर 60 टैटू भी बनवाए हैं। इतना ही नहीं, अपने हाथों को मजबूत बनाने के लिए बेक ने कुंग फू की ट्रेनिंग भी ली है। वह बताती हैं कि इसमें बिना गलव्स के पैक्टिस होती है इसलिए पंच सावधानी से मारना पड़ता है, नहीं तो खुद के हाथ में भी चोट लग सकती हैं।