19 APRFRIDAY2024 9:46:35 PM
Life Style

27 साल की अंकिति का कमाल, भारत की पहली महिला स्टार्टअप को मिलेगा यूनिकॉर्न स्टेटस

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 13 Feb, 2019 05:30 PM
27 साल की अंकिति का कमाल, भारत की पहली महिला स्टार्टअप को मिलेगा यूनिकॉर्न स्टेटस

शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो, जहां महिलाओं ने अपना नाम ना कमाया हो। आज भी हम आपको एक ऐसी ही महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने जज्बे से यह साबित कर दिया की महिलाओं के लिए कोई भी काम मुश्किल नहीं है। 27 साल की अंकिति बोस फैशन ई कॉमर्स प्लैटफार्म की को-फाउंडर होने के साथ-साथ सीईओ भी हैं। बता दें कि अंकिता बोस पहली ऐसी भारतीय महिला सीईओ बन गई हैं जिनकी कंपनी को यूनिकॉर्न का स्टेटस मिला है। 

 

क्या होता है यूनिकॉर्न?

यूनिकॉर्न एक ऐसी टर्म है, जिसमें एक अरब डॉलर से ज्यादा वैल्यू वाले स्टार्टअप्स को जगह दी जाती है। इस टर्म की शुरुआत 2013 में वेंचर कैपिटल एलिन ली ने की थी। इसके लिए काल्पनिक जानवर 'यूनिकॉर्न' का इस्तेमाल किया गया क्योंकि ऐसे सफल वेंचर भी कम ही देखने को मिलते हैं।

 

सिंगापुर से काम करती हैं अंकिति की कंपनी

27 साल की अंकिति बोस जीलिंगो नाम के फैशन ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म की सीईओ हैं, जिसकी टेक टीम बेंगलुरु से काम करती है। इस कंपनी में करीब 100 लोग काम करते हैं। इस स्टार्टअप ने अपनी वैल्यू में से 306 मिलियन डॉलर सिर्फ फंडिग से जुटाए थे।

PunjabKesari

कैसे आया आइडिया?

अंकिति ने 2012 में मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। उन्होंने बताया कि जब वह हॉलीडेस के लिए बैंकॉक गई थीं तो उन्हें वहां लोगों में फैशन के प्रति काफी प्यार देखने को मिला। इसके बाद इन्होंने सोचा कि क्यों ना इसी का एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म खोला जाए। फिर अंकिति ने थाइलैंड, इंडोनेशिया और फिलिपींस नें अपना स्टार्टअप शुरू किया, जो धीरे-धीरे काफी फेमस हो गया।

 

इंडिया को क्यों नहीं चुना?

अंकिति ने इस स्टार्टअप की शुरूआत में भारत को इसलिए नहीं चुना क्योंकि यहां पहले से फ्लिपकार्ट, ऐमजॉन जैसे ऑनलाइन मार्केट के बड़े प्लेयर्स मौजूद थे। उन्होंने अपनी रिसर्च में पाया कि साउथ ईस्ट एशिया की मार्केट में ऐसा नहीं है। इसके बाद 2015 में जीलिंगो अस्तित्व में आया। 

PunjabKesari

कंपनी में नहीं है कोई महिला

अंकिति न अपनी कंपनी की बात करते हुए बताया कि फिलहाल इस क्षेत्र में महिलाओं की कमी है। वह कहती हैं, 'मेरे पूरे सफर में कई पुरुषों ने मेरा सहयोग किया है। लेकिन अगर महिला कमर्चारी उनके साथ होती तो ज्यादा अच्छा होता।'
PunjabKesari

लाइफस्टाइल से जुड़ी लेटेस्ट खबरों के लिए डाउनलोड करें NARI APP

Related News