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सपने टूटे थे पर हिम्मत नहीं, एसिड सर्वाइवर लक्ष्मी की हार ना मानने वाली स्टोरी!

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 10 Jan, 2020 01:17 PM
सपने टूटे थे पर हिम्मत नहीं, एसिड सर्वाइवर लक्ष्मी की हार ना मानने वाली स्टोरी!

दीपिका पादुकोण की अपकमिंग फिल्म छपाक का ग्रैंड प्रीमियर हुआ, जिसमें लगभग बॉलीवुड के सभी नामी सितारे पहुंचे। यह फिल्म जिस लड़की की लाइफ पर आधारित है वह भी इस इवेंट में शामिल रहीं। एसिड सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी की साड़ी में नजर आई उनकी लुक को काफी पसंद किया गया लेकिन लुक से ज्यादा उनकी व्यक्तित्व उनके होंसलों को लोगों ने खूब सराहा। छपाक गर्ल के साथ यह हादसा कैसे हुआ और इस घटना के बाद वह कैसी परिस्थितियों से निकली इस बारे में जानने के लिए हर कोई उत्सुक है तो चलिए इस पेकेज में हम आपको एसिड सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल की स्ट्रगलिंग स्टोरी के बारे में आपको बताते हैं...

छपाक' को लेकर लक्ष्मी अग्रवाल ने कहा था, 'मैं खुश हूं कि पर्दे पर मेरा किरदार दीपिका पादुकोण निभा रही हैं । मुझे उन्हें जज करने का कोई हक नहीं है । मुझे विश्वास है वो बहुत अच्छा करेंगी ।' अब जब लोगों के सामने लक्ष्मी की कहानी आ रही है तो आप जान लीजिए कि उनके साथ ये दर्दनाक घटना कैसे हुई थी । कौन था वो जिसने उनके चेहरे पर तेजाब फेंका था।

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15 साल की उम्र में जब लक्ष्मी सिंगर बनने का ख्वाब देख रही थी लेकिन 32 साल के नदीम खान ने उनके इन ख्वाबों को चूर-चूर कर दिया उन पर एसिड अटैक करके। ऐसा करने के पीछे की वजह नदीम का एक तरफा प्यार था वह लक्ष्मी से शादी करना चाहता था लेकिन लक्ष्मी को ये रिश्ता बिलकुल मंजूर नहीं था। इस का बदला लेने के लिए नदीम ने लक्ष्मी पर एसिड अटैक किया। एसिड के इस हमले ने उनकी जो हालत की वह बेहद असहनीय थी।

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लक्ष्मी ने एक इंटरव्यू में बताया था, 'उस वक्त ऐसा लगा जैसे मेरे पूरे शरीर पर किसी ने आग लगा दी हो । मेरी सारी खाल निकलकर बाहर आ गई थी । मेरे हाथ और चेहरे से खाल अलग होकर बहने लगी थी।' इस हादसे के बाद लक्ष्मी को कई सर्जरी करवानी पड़ी वो तीन महीने तक अस्पताल में भर्ती रही थीं। लक्ष्मी ने बताया, 'जिस वार्ड में मैं थी, वहां कोई शीशा नहीं लगाया गया था। रोज सुबह एक नर्स मुझे कटोरे में पानी देती थी। जिससे मैं अपना चेहरा साफ कर सकूं। मैं खुद को उस पानी में देखने की कोशिश करती थी।'

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'मेरे चेहरे पर सिर्फ पटि्टयां और बैंडेज नजर आते थे । जब मैंने अटैक के बाद पहली बार खुद को शीशे में देखा तो मुझे ऐसा लगा कि मेरा सबकुछ बर्बाद हो गया है। मेरा चेहरा बोलने लायक भी नहीं रह गया था । इस हादसे के बाद लक्ष्मी कमजोर नहीं पड़ीं । साल 2006 में लक्ष्मी ने एक पीआईएल डाली और सुप्रीम कोर्ट से एसिड बैन करने की मांग की।'

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उसके बाद लक्ष्मी ने कई केंपेन चलाए ताकि एसिड की बिक्री को बंद कर दें। जिसे वह  आलोक दीक्षित और आशीष शुक्ला के साथ मिलकर चलाती थी। इसके बाद लक्ष्मी उन सैकड़ों एसिड अटैक पीड़िताओं की आवाज बन गईं जो अपने लिए न्याय मांग रही थीं। उस समय लक्ष्मी को अमेरिका की पूर्व पहली महिला मिशेल ओबामा से 'साहस के लिए अंतरराष्ट्रीय महिला पुरस्कार' मिला था।

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कैंपेन चलाने के दौरान लक्ष्मी को इसके फाउंडर आलोक से प्यार हो गया । इस कपल ने शादी से पहले लिव-इन में रहने का फैसला किया । इस पर लक्ष्मी का कहना था, 'हम शादी ना करके समाज को चुनौती देना चाहते थे । हम नहीं चाहते थे कि हमारी शादी में लोग आएं और मेरे चेहरे को देखकर ताना मारें।' उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया जिनका नाम उन्होंने पीहू रखा। बेटी के जन्म के बाद लक्ष्मी और आलोक में अनबन होने लगी दोनों अलग भी हो गए। बेटी को पालने के लिए लक्ष्मी को एक अच्छी जॉब की जरूरत थी। साथ में उन्हें एक घर भी चाहिए था। इसके लिए लक्ष्मी काफी समय तक स्ट्रगल करती रहीं।

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साल 2018 में लक्ष्मी ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'कई लोगों ने मुझे काम दिया। कई ने न्यूज पढ़ने की भी नौकरी ऑफर की। मैं उन सब की शुक्रगुजार हूं। लेकिन मैं चाहती हूं कि सरकार मुझे नौकरी दे। जिससे मैं अपनी बेटी और मां को सपोर्ट कर सकूं। मैं अपने दम पर उन्हें पालना चाहती हूं।'

बस इसी तरह धीरे धीरे लक्ष्मी आगे बढ़ती गई और उन्होंने अपनी राह खुद चुनी। लक्ष्मी के हौंसले को हम सलाम करते हैं। वहीं वह आज कई महिलाओं को प्ररेणा भी दे रही हैं। 

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