नवरात्रि दौरान लोग देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं। इसके साथ ही भक्त माता रानी के दरबार में दर्शन करने जाते हैं। वैसे तो देशभर में देवी मां के कई पावन स्थल है।
मगर आज हम आपको देवी दुर्गा के 5 मशहूर मंदिरों के बारे में बताते हैं। मान्यता है कि इन प्रसिद्ध मंदिरों में माता के दर्शन मात्र से ही मनचाहा फल मिलता है।
कामाख्या शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में पहले नंबर पर माना जाता है। यह असम की राजधानी गुवाहाटी से 8 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
इस स्थान पर माता सती की योनि गिरी थी। इसलिए हर साल 3 तीनों के दिन यहां माता रजस्वला होती हैं।
मान्यता है कि देवी मां के इस मंदिर में मांगी गई मन्नत जल्दी ही पूरी हो जाती है।
नैनीताल का नैना देवी मंदिर मां दुर्गा के 51 शक्तिपीठों में एक माना जाता है। यहां पर माता सती आंखें जिस स्थान पर गिरी थी।
देवी दुर्गा का ज्वाला देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थापित है। यह मंदिर देवी के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है।
पौराणिक कथा अनुसार, इस पावन स्थल पर देवी सती की जिह्वा गिरी थी। कहते हैं कि मंदिर की धरती से निकली ज्वाला दिन-रात जलती रहती है। इसलिए यह पावन स्थल ज्वाला देवी मंदिर के नाम से मशहूर है।
करणी माता मंदिर, राजस्थान के बीकानेर से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर हर साल भक्तों की भीड़ रहती है।
इस मंदिर के मशहूर होने की एक वजह यह भी है कि इस पावन स्थल पर ढेर सारे चूहे भी हैं। इस कारण यह 'चूहे वाला मंदिर' के नाम से भी जाना जाता है।
दक्षिणेश्वर काली मंदिर, पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थित है। मां काली का यह मंदिर ही खूबसूरत बना हुआ है।