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भारत की तरह इन देशों में भी किया जाता है पितरों का श्राद्ध

  • Edited By neetu,
  • Updated: 21 Sep, 2021 06:01 PM
  • भारत की तरह अन्य देशों के लोग भी अपने पितरों को याद करते व उनकी आत्मा की शांति के लिए खास त्योहार मनाते हैं।
  • मगर उनका तरीका थोड़ा अलग होता है।
  • जापान में पितरों को याद करते हुए बॉन फेस्टिवल मनाया जाता है। जापानी कैलेंडर अनुसार यह त्योहार  7वें महीने के 10वें दिन से शुरु होकर महीने के आखिरी 15 दिनों तक रहता है।
  • इस दौरान जापानी लोग अपने पितरों की कब्र पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। इनकी कब्र पर फूल चढ़ाते हैं। इसके अलावा इस दिनों लोग खासतौर पर अपने-अपने घरों पर रोशनी करते हैं।
  • भारत के पड़ोसी देश चीन के लोग पितरों को याद करने पर छिंग मिंग नामक फेस्टिवल मनाते हैं। इसे हर साल 4-5 अप्रैल को सेलिब्रेट किया जाता है।
  • इस दौरान चीनी लोग कब्रिस्तान जाकर अपने पूर्वजों की कब्र की सफाई करते हैं। फिर उनकी पूजा करके कब्र की चारों ओर परिक्रमा लेते हैं।
  • जर्मनी में भी पूर्वजों की याद में फेस्टिवल मनाया जाता है। यहां के लोग इस त्योहार को ऑल सेंट्स डे के नाम से हर साल 1 नवंबर को मनाते हैं।
  • इन दिन को जर्मनी के लोगों ने पूर्वजों का शोक मनाने के लिए तय किया है। इस दिन लोग पूर्वजों को याद करते हुए उनके नाम की मोमबत्तियां जलाते हैं।
  • सिंगापुर, थाईलैंड, श्रीलंका और मलेशिया के लोग पितरों की याद में हंगरी घोस्ट फेस्टिवल मनाते हैं।
  • इन देशों के लोगों का मानना है कि इस दिन नर्क का दरवाजा खुलता है। उसके बाद इनके पूर्वजों का आत्माएं धरती पर भोजन करने के लिए आती है।
  • इसलिए इस खास दिन पर लोग अपने घरों पर अलग-अलग पकवान बनाते हैं।
भारत की तरह अन्य देशों के लोग भी अपने पितरों को याद करते व उनकी आत्मा की शांति के लिए खास त्योहार मनाते हैं।

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