भगवान शिव को समर्पित सावन का पावन महीना चल रहा है। मान्यता है कि विभिन्न प्रकार के शिवलिंग की पूजा करने से अलग-अलग फल मिलता है।
वहीं देशभर में अलग-अलग शिव मंदिर के साथ पांच तत्व (अग्नि, जल, वायु, धरती व आकाश) पर आधारित शिवलिंग पर स्थापित है।
साथ ही इनका अपना अलग ही महत्व है। चलिए जानते हैं भोलेनाथ के पांच तत्व मंदिरों के बारे में...
भगवान शिव को समर्पित अन्नामलाई मंदिर अग्नि का प्रतिनिधित्व करता है। यह मंदिर तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई में स्थित है।
मंदिर में शिवलिंग का आकार गोलाई लिए हुए चौकौर रुप में है। साथ ही शिवलिंग की ऊंचाई करीब 3 फीट है।
भोलेनाथ का वायु तत्व का प्रतिनिधित्व करने वाला श्रीकालहस्ति मंदिर आंध्र प्रदेश के जिले चित्तुर के काला हस्ती में है।
मंदिर में शिवलिंग की ऊंचाई करीब 4 फिट है। मगर शिवलिंग पर जल चढ़ाने की मनाही है। मगर मंदिर में एक अलग शिला स्थापित है, जहां पर भक्त जल चढ़ाते हैं।
भोलेनाथ का चिदंबरम नटराज मंदिर आकाश तत्व का प्रतिनिधत्व करता है। शिव जी की समर्पित यह मंदिर तमिलनाडु के चिदंबरम शहर में स्थित है।
यहां पर भगवान शिव की नृत्य करते हुए मूर्ति स्थापित है। शिव जी के ठीक पास ही माता पार्वती की मूर्ति है।