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Ganesh Utsav: भगवान गणपति के 3 अनोखे मंदिर, जिनका इतिहास है बेहद रोचक

  • Edited By neetu,
  • Updated: 18 Sep, 2021 05:35 PM
  • बप्पा का मोती डूंगरी गणेश मंदिर, राजस्थान की पिंक सीटी कहलाने वाले जयपुर शहर में स्थापित है। कहा जाता है कि इस मंदिर में स्थापित गणपति जी का इतिहास करीब 500 साल पुराना।
  • कहा जाता है कि इस मंदिर में स्थापित गणपति जी का इतिहास करीब 500 साल पुराना।
  • मगर बता दें, बप्पा की यह प्रतिमा 1761 में जयपुर के राजा माधोसिंह की रानी के पैतृक गांव मावली (गुजरात) से लाई गई थी। ऐसे में दुनियाभर से लोग बप्पा के दर्शन करते हैं।
  • वैसे तो दुनियाभर के मंदिरों में बप्पा की सूंड वाली प्रतिमा स्थापित है। ऐसे में उनके इसी रूप की पूजा की जाती है।
  • मगर राजस्थान के जयपुर शहर में अरावली की ऊंची पहाड़ियों पर स्थित बप्पा का एक अनोखा मंदिर है। इस मंदिर की खासियत है कि यहां पर गणेश की इंसानी रूप यानि बिना सूंड वाली प्रतिमा की पूजा होती है। इस पावन मंदिर का नाम गढ़ गणेश मंदिर है।
  • यह राजस्थान के प्राचीन मंदिरों में आता है। माना जाता है कि मंदिर की स्थापना जयपुर के संस्थापक सवाई जयसिंह द्वितीय ने करवाई थी।
  • कनिपकम गणेश मंदिर, आंध्रप्रदेश में चित्तूर जिले में स्थित है। इस धार्मिक स्थल पर बप्पा की प्रतिमा पानी में होने के कारण इसे पानी के देवता का मंदिर भी कहा जाता है।
  • बात इस मंदिर के निर्माण की करें तो इसे 11वीं शताब्दी में चोल राजा कुलोठुन्गा चोल प्रथम ने बनवाया था। मगर इसका जीर्णोद्धार 1336 ईस्वी में विजयनगर के राजा ने कराया था।
  • माना जाता है कि इस मंदिर में स्थापित गणेश जी की मूर्ति का आकार कई सालों से हर साल अपने आप बढ़ रहा है।
बप्पा का मोती डूंगरी गणेश मंदिर, राजस्थान की पिंक सीटी कहलाने वाले जयपुर शहर में स्थापित है। कहा जाता है कि इस मंदिर में स्थापित गणपति जी का इतिहास करीब 500 साल पुराना।

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