कल पंजाब का खास त्योहार बैसाखी हैं जिस दिन लोग ट्रैडीशनल कपड़े पहनते हैं। इस दिन फुलकारी ड्रैसेज को सबसे खास अहमियत दी जाती हैं क्योंकि यह फुल पंजाबन लुक देती हैं। फुलकारी में आमतौर लड़कियां दुपट्टा कैरी करना पसंद करती हैं। यह दुपट्टे बैसाखी के फंक्शन में आपके सिंपल से सूट की ग्रेस भी बढ़ा देंगे।
फुलकारी का इतिहास जानना चाहती हैं तो बता दें कि इसकी शुरुआत 15वीं सदी में हीर-रांझा की प्रेम कहानी से मानी जाती है। पारंपरिक तौर पर इसे मोटे कॉटन फैब्रिक पर बनाया जाता था जिसे खद्दर कहते हैं। इनपर कई फूलों वाली कढ़ाई की जाती हैं।
इंडियन फैशन में पटियाला सलवार सूट और फुलकारी इम्ब्रॉयडरी को बेहद खास जगह मिली हुई है। यह दुपट्टे कई तरह के जैसे बाघ, थिरमा, दर्शन द्वार, बावन फुलकारी, कन्टेम्पररी फुलकारी वाले होती है, जो हैवी वर्क में होते हैं और प्लेन सूट को हैवी लुक देने में मदद करते हैं।
फुलकारी विद गोट्टा वर्क दुपट्टा।
मल्टी कलर्ड फुलकारी दुपट्टा।
फुलकारी बॉर्डर वाला दुपट्टा।
पॉम-पॉम लटकन विद फुलकारी दुपट्टा।
मिरर वर्क फुलकारी वर्क दुपट्टा।
फुलकारी विद लटकन व घुंघरू वर्क दुपट्टा।
फुलकारी विद मोरनी वर्क दुपट्टा।