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जानिए, कैसे निपटे बच्चों की जिद से! (Pics)

  • Updated: 30 Aug, 2016 04:44 PM
जानिए, कैसे निपटे बच्चों की जिद से! (Pics)

आपने अपनी जिद्द मनवाने के लिए बच्चों को बाजार, दुकान या पार्क में अक्सर मचलते हुए देखा होगा और मां-बाप भी हारकर उन्हें उनकी पसंद की चीज दिलवा देते हैं। अब भले ही आप को लगे कि मां-बाप ने अपने बच्चे को कुछ ज्यादा ही सिर पर चढ़ा रखा है। यदि मां-बाप की मानें तो उन्हें अक्सर यह शिकायत रहती ही है कि वे अपने बच्चों को भले ही कितना भी अनुशासन में रखने की कोशिश करें परंतु दादा-दादी उन्हें मनमर्जी करने देते हैं। यही कारण है कि बच्चे जिद्दी हो जाते हैं। यह समझना बेहद जरूरी है कि बच्चों को खुश रखने और अनुशासित करने के बीच मामूली सा ही फर्क होता है। आप भी चाहें तो कुछ बातों का ध्यान रखकर बच्चों की जिद और उनके व्यवहार से जुड़ी अन्य शिकायतें आसानी से दूर कर सकते हैं।

 

1. वजह बताएं

यदि बच्चे किसी चीज की वजह पूछें तो उन्हें डांटने की उसकी आवश्यक जानकारी उन्हें अवश्य दें, ताकि आपके द्वारा लिए गए निर्णय एवं नियम उनको समझ में आ सकें।

 

2. नियमों का पालन जरूरी

बच्चों के लिए नियम बना देना ही काफी नहीं होता, बल्कि बच्चा उनका पालन भी पूरी तरह से करे, यह भी जरूरी होता है। यही नहीं उसे यह भी पता होना चाहिए कि नियमों को तोडऩे का परिणाम गलत ही होता है और वह आप उसे मानने पर पुरुस्कृत एवं उलंघ्न करने पर दंड दे कर समझा सकती हैं।

 

3. झुकें नहीं

अक्सर ऐसा होता है कि जब बच्चे जिद करते हैं तो लोगों के सामने शर्मिंदगी से बचने के लिए माता-पिता उनकी जिद के आगे घुटने टेक देते हैं। बार-बार ऐसा होने से बच्चा यह समझ जाता है कि सबके सामने जिद करने से अभिभावक उसकी बात मान लेते हैं और वह इसे अपनी आदत बना लेता है।

 

4. ऐसे दें दंड

दंड या सजा का अर्थ केवल डांटना या मारना ही नहीं होता, बल्कि जब उसे काम को सही ढंग से न करने पर पुरुस्कार नहीं मिलेगा, तो वह भी उसके लिए सजा जैसा ही होता है। आपका उससे थोड़ी देर बात बंद करना या खेलने का समय घटाना भी काफी होगा।

 

5. नजर अंदाज न करें

जहां अच्छे व्यवहार के लिए बच्चों की प्रशंसा करना जरूरी है। वहीं उनके खराब व्यवहार को नजर अंदाज न कर उन्हें सजा देना भी उतना ही जरूरी है, क्योंकि यदि खराब व्यवहार के लिए डांटा नहीं गया, तो उन्हें अच्छे और खराब व्यवहार के बीच अंतर समझ नहीं आएगा और इससे उनके लिए अच्छे व्यवहार पर दी जा रही शाबाशी या प्रशंसा उतनी महत्वपूर्ण नहीं रह जाएगी।

 

6. एक सी हो प्रतिक्रिया

यदि बच्चे को किसी एक ही परिस्थिति के लिए परिवार के दो सदस्यों से अलग-अलग प्रतिक्रिया मिलती है तो वह भ्रमित हो सकता है इसलिए जरूरी है कि इस मामले में अभिभावकों एवं परिवार के सदस्यों का व्यवहार बच्चों के साथ एक जैसा ही हो। बच्चों के लिए बनाए गए सभी नियमों की जानकारी घर के सभी सदस्यों को होनी चाहिए ताकि बच्चा उसी तरह आचरण कर सके।

 

हेमा शर्मा, चंडीगढ़

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