टीबी का उपचार : टी.बी. का पूरा नाम ट्यूबरकुल बेसिलाइ है। यह एक संक्रामक बीमारी है जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस जीवाणु के फैलने के कारण होती है। टी.बी. ज्यादातर फेफड़ो पर हमला करती है लेकिन यह फेफड़ो से रक्त प्रवाह के साथ शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित करती है। टी.बी. की बीमारी हवा के द्वारा बहुत जल्दी फैलती है। यदि टी.बी से ग्रसित रोगी खुली हवा में छींकता, खासता या बोलता है तो यह बीमारी दूसरे को भी अपनी चपेट में ले लेती है। इसलिए रोगी को अपने मुंह पर मास्क या फिर कपड़ा बांध कर रखना चाहिए। आज हम आपको टी.बी. के लक्षण, प्रकार और उपचार के बारे में बताएंगे, जिससे आप इस बीमारी के गंभीर रूप से बच सकते हैं।
1. टीबी के लक्षण
लगातार तीन हफ्ते से ज्यादा खांसी रहना या खांसी के साथ खून आना।
शाम को बुखार होना और ठण्ड लगना।
छाती में दर्द रहना और जरा-सा चलने पर सांस फूलना।
वजन का अचानक कम होना और थकान महसूस होना।
फेफड़ो में बहुत ज्यादा इंफेक्शन होना।
2. टी.बी. रोग के प्रकार
फुफ्सीय टीबी
यह टीबी फेफड़ो में इंफेक्शन के कारण होती है। इस प्रकार की टी.बी. होने पर सीने में दर्द और लंबे समय तक खांसी व बलगम हो सकती है। अगर इसका ठीक समय पर ईलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकती है।
पेट की टी.बी.
इस टी.बी. का पहचान पाना बहुत मुश्किल होता है। इसका तब चलता है जब पेट में गांठें बनने लगती है। रोगी को पेट की समस्याएं जैसे बार-बार दस्त लगना, पेट में दर्द रहने लगता है।
एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी (इतर फुफ्फुसीय यक्ष्मा)
इस टी.बी. के होने पर शरीर के दूसरे अंग प्रभावित होते हैं। यह बीमारी उन लोगों को जल्दी घेरती है जिन में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और छोटे बच्चे इस बीमारी से बहुत जल्दी ग्रसित होते हैं।
3. इन तरीकों से करें टी.बी. की जांच
टीबी के लक्षण दिखाई देने पर रोगी को ये टेस्ट करवाने चाहिए।
स्पुटम/अन्य फ्लूइड टेस्ट
स्किन टेस्ट (मोन्टेक्स टेस्ट)
जीन एक्सपर्ट टेस्ट
4. टीबी का उपचार
इस बीमारी के होने पर इसके जीवाणुओं को खत्म करने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग किया जाता है।
5. टीबी की रोकथाम
1. इस बीमारी की रोकथाम के लिए बच्चों को बैसिलस कैल्मेट-ग्यूरिन (बीसीजी) का टीकाकरण कराना चाहिए।
2. टी.बी. के लक्षण दिखने पर तुरंत ही किसी डॉक्टर से चैकअप कराना चाहिए।
3. रोगी को मास्क पहन कर रखना चाहिए और उसे खुले में या फिर भीड़-भाड़ वाली जगह पर थूकना नहीं चाहिए।
4. साफ-सफाई के ध्यान रखने के साथ-साथ कुछ बातों का ध्यान रखने से भी टीबी के संक्रमण से बचा जा सकता है।
5. शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए रोगी को ताजे फल, सब्जी और कार्बोहाइड्रेड, प्रोटीन, फैट युक्त आहार का सेवन करना चाहिए ताकि वह जल्दी ठीक हो सकें।
6. रोगी से दूरी बना कर रखें क्योंकि संक्रमित रोग है।
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