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Nari

इस किचन में रोजाना बनती है 50-70 हजार लंगर की रोटियां!

  • Updated: 06 Jan, 2017 03:56 PM
इस किचन में रोजाना बनती है 50-70 हजार लंगर की रोटियां!

लाइफस्टाइलः दुनियाभर में कई जगहें एेसी हैं जहां गुरू का लंगर लगाया जाता है। आज हम आपको दुनिया के सबसे बड़े लंगर के बारे में बताने जा रहे है जो कि अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में लगाया जाता है। यहां रोजाना 50-70 हजार लोग आते हैं और प्रसाद ग्रहण करते हैं। वहीं त्यौहार या किसी खास मौके पर लोगों की सख्या बढ़कर 1 लाख से ऊपर हो जाती है। यहां पर खाना बनाने के लिए खास व्यवस्था की गई है। हजारों सेवक यहां रोज सेवा करते हैं।

देश-विदेश से लोग इस मंदिर में आते है। यहां पर विदेशी लोगों के लिए खास इंतजाम किए गए है। आपको बता दें कि गुरु के लंगर की परंपरा गुरु नानक देव जी ने शुरू की दी, जिसे अमरदास जी ने आगे बढ़ाया। गोल्डन टेम्पल में रोजाना हजारों लोगों के लिए खाना बनता है इसी कारण इसे दुनिया का सबसे बड़ा किचन कहा जाता है। यहां रोज प्रसाद बनाने के लिए 12,000 किलो आटा, 13000 किलो दाल, 1500 किलो चावल और 2000 हजार किलो सब्जियों का इस्तेमाल किया जाता है। मंदिर में रोज 2 लाख के करीब रोटियां बनाई जाती हैं। रोटी बनाने के लिए मशीन का इस्तेमाल किया जाता है।  रोटी मेकिंग मशीन से एक घंटे में 25,000 रोटियां बनाई जाती हैं। 

मंदिर में खाने के साथ खीर बनाई जाती हैं जिसके लिए 5000 लीटर दूध,100 किलो शक्कर और 500 किलो घी का इस्तेमाल किया जाता है। किचन में खाना बनाने के लिए 450 लोगों के अलावा वॉलंटियर्स काम करते हैं। खाना बनाने के लिए बहुत ही बड़े बरतनों का इस्तेमाल किया जाता है। किचन में दो बड़े हाल हैं जिसमें एक बार में 5000 लोग बैठकर खाना खा सकते है। इस किचन में दिन रात काम होता है। यहां पर प्रसाद में चाय भी मिलती है। यहां पर डायबिटीज के मरीजों के लिए स्पैशल शुगर फ्री चाय बनाई जाती हैं। 
 

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