कैंसर कोई भी हो, जानलेवा होता है। इसकी खबर सुनते ही रोगी जीवन के प्रति निराशा हो जाता है। कुछ सालों में औरतों में ब्रेस्ट कैंसर के मामले भी काफी सुनने को मिले हैं लेकिन अच्छी बात यह है कि इसके ठीक होने की संभावना ज्यादा होती है अगर इसे पहली स्टेज में भी पकड़ लिया जाए। वैसे तो पुरुष भी ब्रेस्ट कैंसर के शिकार हो सकते हैं लेकिन उनके मुकाबले महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा रहता है। आंकड़ों की मानें तो 140 ब्रेस्ट कैंसर के रोगियों में सिर्फ 1 पुरुष इसका शिकार होता है।
कारणः
-55 साल की औरतों को ज्यादा खतरा।
-आनुवांशिकता भी इसका एक बड़ा कारण है। अगर घर में मां, नानी,बहन इस कैंसर का शिकार है तो उस महिला में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा दोगुना हो जाता है।
-बांझ औरत
-जो मांएं बच्चे को अपना दूध नहीं पिलाती।
-मासिक धर्म 12 साल से पहले शुरू होकर 55 साल तक जारी रहे तो भी इस कैंसर का खतरा मामूली से ज्यादा बढ़ जाता है।
ब्रैस्ट कैंसर के लक्षणः
-छाती में किसी भी तरह की गांठ का होना। कई बार बिना दर्द के भी हो सकती है।
-स्तनों में सूजन हो जाना।
-ब्रैस्ट की ऊपरी चमड़ी में जलन होना।
- निपल्स का मुड़ जाना
- स्तन से कोई चिपचिपा पदार्थ निकलना।
ब्रैस्ट कैंसर का इलाज
कैंसर की जांच निश्चित होने के बाद इलाज के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। इसका इलाज कैंसर की स्टेज पर निर्भर करता है। ब्रैस्ट कैंसर के इलाज के 3 तरीके हैं। सर्जरी, रेडियोथैरेपी और कीमोथैरपी। चौथी स्टेप पर मुख्य इलाज दवाइयों की मदद से कीमोथैरीप के द्वारा होता है।
अगर समय रहते ब्रैस्ट कैंसर के मामलों में जागरुकता दिखाई जाएं तो इसे जड़ से मात दी जा सकती है। इसके लक्षणों को नजरअंदाज ना करें और तुरंत डाक्टरी जांच शुरू करें।