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पिछले 14 सालों से भारत के इन गांवोें में नहीं जलाए जाते पटाखे

  • Updated: 19 Oct, 2017 01:14 PM
पिछले 14 सालों से भारत के इन गांवोें में नहीं जलाए जाते पटाखे

दीवाली का त्यौहार लोग बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। इस दिन लोग दीप जलाते हैं और कुछ लोग पटाखे भी जलाते हैं जिससे पर्यावरण दूषित होता है। इस प्रदूषण से लोगों को स्वास्थ्य संबंधित कई परेशानियां झेलनी पड़ती है लेकिन भारत के कुठ गांल एेसे भी है जहां पर पटाखे नहीं जलाए जाते। जी हां, तमिलनाडु के आठ गांव एेसे हैं जहां पर पिछले 14 सालों से दीवाली पर पटाखे नहीं जलाए जाते।  
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ईरोड जिले के वेल्लोड़ पक्षी अभ्यारण्य में अक्टूबर से जनवरी तक कई प्रजातियों के पक्षी प्रवास करते है। दरअसल, पटाखों की अावाज से पक्षी डर जाते हैं इसी वजह से आसपास के गांव दीवाली पर पटाखे नहीं जलाते। वेल्लोड़ अभ्यारण्य में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से पक्षी आते हैं। इनकी सुरक्षा के लिए पिछले 2 साल से बच्चे दीवाली पर सिर्फ फुलझड़ी जलाते हैं। इसके अलावा पटाखों की आवाज से जानवर भी डर जाते है। 
 

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