ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO) लगभग सभी जानते हैं कि भगवान शंकर को भस्म बहुत पसंद है। यही कारण है कि उज्जैन के श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में भस्म आरती होती है। मान्यता है महाकालेश्वर मंदिर की आरती में उपयोग होने वाली भस्म कोई आम नहीं बल्कि चिता की भस्म होती है यानि मुर्दे की। लेकिन आपको बता दें इसके अलावा ऐसी 8 चीज़ें होती हैं जिन्हें मिलाकर भस्म तैयार की जाती है। जिसे लगाने से महाकाल अधिक प्रसन्न होते हैं। बल्कि कहा जाता है कि इस लगाने से महाकाल स्वयं दर्शन देते हैं। तो आइए जानें आखिर किन 8 चीजों से बनी भस्म शिवजी को लगानी चाहिए। शास्त्रों के अनुसार आगे बताई जाने वाली 8 चीज़ों को शुद्ध व पावन माना जाता है। ये हैं वो 8 चीज़े जिसे मिलाकर बनाई जाती है भस्म 1- गाय के गोबर कंडे 2- बिल्व वृक्ष की लड़की 3- शमी की लड़की 4- पीपल की लड़की 5- पलाश की लकड़ी 6- बड़ (बरगद) की लकड़ी 7- अमलता की लकड़ी 8- बेर वृक्ष की लकड़ी। ऐसे तैयार करें भस्म- ऊपर बताई गई सभी वृक्षों की सुखी लकड़ियां एकत्रित करके उन्हें जलाकर उनकी भस्म बना लें। ध्यान रखें जब जब भस्म तैयार करें तो तो नीचे दिए गए मंत्र का उच्चारण तब तक करते रहें जब तक भस्म बनकर तैयार न हो जाए। बता दें ज्योतिष के अनुसार तैयार भस्म को शिवाग्नि कहा जाता है।
मंत्र- ।। ॐ अघोरेभ्यो अथ घोरेभ्यो घोर घोरतरेभ्यः सर्वतः सर्व सर्वेभ्यो नमस्ते अस्तु रुद्ररूपेभ्यः ।। जब भस्म तैयार हो जाए तो इसका सफ़ेद भाग निकालकर उसे अलग रख लें। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यही सफ़ेद भाग (भस्म) पूजा में काम आता है।
इसी भस्म से शिवलिंग पर तीन आड़ी रेखाएं बनाएं यानि त्रिपुण्ड्र बनाएं। शिव जी को भस्म लगाने के बाद स्वयं भी शिव पंचाक्षर मंत्र "नमः शिवाय" का 3 बार जाप करते हुए पहले इसे मस्तक पर, दोनों भुजाओं पर, ह्रदय में और फिर नाभि आदि पांच स्थानों पर त्रिपुण्ड्र अवश्य लगाएं। आखिर में शिव जी के सामने बैठकर ॐ नमः शिवाय मंत्र का 1100 बार जपें। माना जाता है कि ऐसा करने से महाकाल स्वयं दर्शन देते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। घर का कुत्ता भी आपको बना सकता है मालामाल (VIDEO)
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