23 APRTUESDAY2024 10:23:26 AM
Nari

साल 2018 में बैस्ट पेरेंट्स बनने के काम आएंगे ये टिप्स

  • Updated: 03 Jan, 2018 11:50 AM
साल 2018 में बैस्ट पेरेंट्स बनने के काम आएंगे ये टिप्स

नया साल आ गया है और हर कोई चाहता है कि यह साल उनके परिवार के लिए खुशियां लेकर आए। जिस तरह समय तेजी से बदल रहा है, उसी तरह लोगों का सोच और लाइफस्टाइल में भी बदलाव आ रहा है। बच्चों की जरूरतों और समझ के हिसाब से पेरेंट्स की सोच भी उनके प्रति बदल रही है। सभी मां-बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा पढ़ाई में अव्वल रहे,बढ़ा होकर तरक्की हासिल करें,नाम कमाए और जिंदगी में आने वाली मुश्किलों का समझदारी और आसानी से हल निकाल सके। इसके लिए सबसे पहली जरूरत हैं कि मां-बाप की बच्चों के प्रति सोच, उनकी परवरिश,बोल-चाल का तरीका आदि बच्चों को बहुत प्रभावित करता है। कुछ पेरेंट्स बच्चों को डांटते तो हैं लेकिन कुछ जरूरी कामों के लिए उनकी सलाह भी लेते हैं। आइए जानें बैस्ट पेरेंट्स बनने के लिए किन बातों का ख्याल रखना जरूरी है ताकि नई पीढी आपको अच्छी तरह से समझ सके। 



1. पढ़ने के साथ ज्ञान भी जरूरी

PunjabKesari
मां-बाप हर समय इस होड़ में लगे रहते हैं कि हमारा बच्चा कक्षा में हमेशा अव्वल आए लेकिन यह बात जान लें कि आपकी तरह बाकी के पेरेंट्स भी बच्चों पर उतनी ही मेहनत कर रहे हैं, जितनी की आप। सारा दिन बच्चों को किताबों में उलझाएं रखने से बेहतरन है उन्हें बाहरी ज्ञान भी दें। पढ़ाई जरूरी है लेकिन बीच-बीच में थोड़ी ब्रेक भी दें। गेम्स के जरिए भी बच्चों को पाठ याद करवाया जा सकता है। 
 

2. पहचानें बच्चे की काबलियत
कहते हैं कि हर किसी में कोई न कोई खास बात जरूर होती है। आप भी यह सोच कर चलें कि आपका बच्चा भी सबसे अलग है। उसमें भी कुछ काबलियत है, उसके गॉड गिफ्ट को पहचानें। उसे उभारने की कोशिश करें। कई बार बहुत रोक-टोक से भी बच्चा अपनी हूनर दिखा नहीं पाता। 
 

4. अनुशासन और सजा में है फर्क 

PunjabKesari
बच्चों के उठने-बैठने का तरीका,मेहमानों से बर्ताव,दोस्तों से बातचीत आदि से जुड़ी बातें अनुशासन ही मानी जाती हैं। यह बात भी सच है कि बच्चे शरारती होते हैं। उन्हें नियमों को तोड़ने में मजा आता है। कई बार आप भी उनके साथ मस्ती में शामिल हो जाएं। सिर्फ उसी बात के लिए सजा दें जो उचित हो। जैसे खाना न खाने पर मारना या फिर मेहमानों की मौजूदगी में शोर डालने पर सजा देना गलत है। अनुशासन समझाने से आता है सजा से नहीं। 
 

5. कभी-कभी बच्चों का राय भी जरूरी

PunjabKesari
इस बात का ध्यान रखें कि आप बच्चों को जितना महत्व देंगेेेे वह भी आपकी बात को उतने ही प्यार और आसानी से समझेंगे। कभी-कभी घर की सजावट,घूमने की जगह,कपड़ों की पसंद या फिर क्या खाना हैं छोटी-छोटी बातों में उनकी भी राय लें। 

 


 

फैशन, ब्यूटी या हैल्थ महिलाओं से जुड़ी हर जानकारी के लिए इंस्टाल करें NARI APP

Related News